रूस आया भारत के साथ तो चीन ने घबराहट में कह दी यह बात

रूस बीजिंग। कल तक आतंकवाद पर पाकिस्‍तान का समर्थन करने वाले चीन को जब से यह खबर मिली है कि रूस, भारत से आधुनिक मिसाइल खरीदने जा रहा है , उसकी घबराहट बढ़ गयी है। चीन की घबराहट का एक कारण यह भी है कि दुनिया की दोनों महाशक्तियां अमेरिका और रूस भारत के पक्ष में हैं। इसलिए चीन ने अब इनमें से एक म‍हाशक्ति रूस से अपने कूटनीतिक और राजनीतिक सम्‍बंध सुधारने के प्रयास तेज कर दिए।

चीन के विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के रुख का चीन सम्मान करता है।

पुतिन ने चीन में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कहा था कि दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर चीन के रुख का रूस समर्थन करता है और किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध करता है। गुरुवार को ही अमेरिका ने इसी मुद्दे पर चीन को खरी खोटी सुनाई थी।

प्रवक्ता हुआ चुनिंग ने कहा, “राष्ट्रपति पुतिन के रुख से स्पष्ट होता है कि रूस का पक्ष उद्देश्यपूर्ण तथा निष्पक्ष है और यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से न्याय की आवाज का प्रतिनिधित्व करता है।”

वस्तुत:, यदि कोई भी देश दक्षिण चीन सागर में सचमुच में शांति व स्थिरता का पक्षधर है, तो वह अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के आधार पर संबंधित देशों के साथ मुद्दे के समाधान के लिए चीन का समर्थन करेगा।

उल्लेखनीय है कि अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने दक्षिण चीन सागर मुद्दे पर अपना फैसला चीन के खिलाफ दिया है, जबकि चीन ने कहा है कि वह इस फैसले को नहीं मानेगा।

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