रिसर्च में हुआ खुलासा प्याज और लहसुन डालकर सब्जियां बनाने से नहीं होता कोलोरेक्टर कैंसर का खतरा
रोजाना 50 ग्राम लहसुन और प्याज के पौधों की बनी सब्जियों का सेवन कर कोलोरेक्टल कैंसर (आंतों का कैंसर) होने के जोखिम को संभावित रूप से कम कर सकते हैं। एक अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है।
एशिया पैसिफिक जर्नल ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन से पता चला है कि कोलोरेक्टल कैंसर होने की संभावना उन वयस्कों में 79 प्रतिशत कम थी, जिन्होंने उच्च मात्रा में एलियम वेजिटेबल (लहसुन और प्याज के पौधे) का सेवन किया था। फर्स्ट हॉस्पिटल ऑफ चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक झी ली ने कहा कि, एलियम वेजिटेबल की मात्रा जितनी अधिक होगी कोलोरेक्टल कैंसर से उतनी ज्यादा सुरक्षित रहेंगे
कितनों लोगों पर किया अध्ययन
अध्ययन के लिए, कोलोरेक्टल कैंसर के 833 रोगियों का आयु, लिंग और निवास स्थान को ध्यान में रखते हुए 833 स्वस्थ लोगों से मिलान किया गया। सभी से खानपान संबंधी प्रश्न बीमार और स्वस्थ लोगों से पूछे गए।
रोजाना 50 ग्राम खाना जरूरी
हालांकि, सिन्हुआ ने बताया कि, डिस्टल कोलोन कैंसर वाले लोगों में कैंसर के खतरे के साथ लहसुन का सेवन महत्वपूर्ण नहीं था। अध्ययन के अनुसार, स्वास्थ्य लाभ तब देखा जा सकता है जब कोई हर साल लगभग 16 किलोग्राम एलियम वेजिटेबल या हर दिन 50 ग्राम खाता हो।
पकाने में बरतें सावधानी
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि खाना पकाने की विधि एलियम वेजिटेबल पोषण मूल्य को प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए, ताजा लहसुन को पीसना फायदेमंद है लेकिन प्याज को उबालने से उपयोगी रसायन कम हो जाते हैं।
पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि एलियम वेजिटेबल में पोषक तत्व और बायोएक्टिव यौगिक होते हैं जो कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं, विशेष रूप से जठरांत्र संबंधी मार्ग के कैंसर।