रिश्तखोर दरोगा का अनोखा रूप! सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

Riport- RITIK DWIVEDI

पीलीभीत- यूपी के पीलीभीत में रिश्वतखोर दरोगा का एक नया रूप सामने आया है । रिश्वत लेने से पहले पीड़ित बोलता है कि बो अभी पूर्व मुख्यमंत्री व सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव की मीटिंग में लखनऊ गया था, जिसके बाद दरोगा बोलता है कि आप तो पार्टी के आदमी है मैं भी पार्टी को मानता हूं । दरोगा यही नही रुका आगे बोला इस समय हम लोगो का बुरा वक्त चल रहा है । जल्दी ही इस्पेक्टर होने बाला हूँ लेकिन सरकार की बजह से अंधेरे में पड़ा हूँ । इसके बाद दरोगा पीड़ित शख्स से सौ सौ के 2 हजार रुपये लेते हुए साफ तौर से देखा जा सकता है।

 

आपको बतादे एक माह पहले थाना गजरौला में तैनात इसी दरोगा ने बलात्कार के आरोपी का नाम निकालने के बदले एक लाख रुपये मांगे थे, जिसके बाद दरोगा ने थाने बुलाकर युवक से 60 हजार रुपये ऐठ लिए थे । जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था ।

लेकिन दरोगा पर कार्यवाही के नाम पर लाइन हाजिर कर दूसरे दिन ही थाना बीसलपुर में पोस्ट कर दिया था । जिसके बाद दरोगा ने रिश्वत का खेल फिर धड़ल्ले से शुरू कर दिया । आपको बतादे रिश्वत खोर दरोगा का नाम अवध बिहारी है । रिश्वतखोर दरोगा कोतवाली बीसलपुर में तैनात है,,

वही सूत्रों की माने तो बीसलपुर की युवती की शादी 2 वर्ष पूर्व बरेली में हुई थी । जिसके बाद ससुराली पक्ष लड़की को परेशान करने लगे थे । वही लड़की पक्ष के लोगो ने ससुराल पक्ष पर दहेज प्रथा को लेकर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी । पुलिस ने धारा 498A, 3/4 में मुकदमा भी दर्ज कर लिया था ।

लेकिन आपस मे बैठकर लड़का और लड़की पक्ष में अगस्त माह में नोटरी द्रारा लिखित समझौता हो गया था । जिसकी एक कॉपी कोतवाली और दूसरी एसपी आफिस दे दी थी । जिसके बाद थाने में तैनात दरोगा अवध बिहारी ने थाने बुलाकर मुकदमे में एफआर और खत्म करने के बदले पैसे की मांग कर दी । जिसके बाद युवक ने दरोगा को 2 हजार रुपये दे दिए । दरोगा वीडियो में बोल रहा है कि निश्चित होकर जाओ अब मैं खत्म कर दूँगा।

 

पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि ऐसा एक वीडियो संज्ञान में आया है जिसकी जांच हमने सीओ बीसलपुर को सौंप दी है जिस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी ।

 

जिलाध्यक्ष से जब मामले में जानकारी ली तो उनका कहना है कि कोई भी दरोगा हो अगर वो रिश्वत लेता है तो उस पर निश्चित कार्रवाई होगी । ये किसी सरकार के नही ये हमारी सरकार में रखे गए अधिकारी नहीं है । और 50 वर्षो से कई अधिकारी पुराने सरकार के ढर्रों पर काम कर रहे है ।

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