
नई दिल्ली : इंडियन टीम के खिलाड़ी विराट कोहली की सचिन तेंडुलकर से काफी तुलना होती है। वही कोई विराट को आगे निकलता हुआ कहता है तो किसी की नजर में सचिन ऑल टाइम बेस्ट हैं। देखा जाये तो पोंटिंग हालांकि दोनों की तुलना में यकीन नहीं रखते। पोंटिंग की राय में यह तुलना करना बेमानी है। लगातार तीन बार वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रहे पोंटिंग ने एक खास इंटरव्यू में कई सवालों के जवाब दिए।
बता दें की वह तकनीकी रूप से अधिक मजबूत थे। वह काफी स्थिर रहते थे। दोनों बल्लेबाजों में विराट अधिक फ्लैशी हैं। वह स्क्वेअर ऑफ द विकेट अधिक खेलते हैं वहीं सचिन सीधे शॉट ज्यादा लगाते थे। आप उन्हें ‘V’ का बल्लेबाज कह सकते हैं। इन दोनों की तुलना करना मुश्किल है। दोनों अलग दौर के बल्लेबाज हैं। अलग तरह की विकेट हैं। सब कुछ अलग है।
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मुझे नहीं लगता कि विराट का करियर खत्म होने से पहले हम इस पर चर्चा कर सकते हैं। एक बार उनका करियर खत्म हो जाए तभी इस पर कोई बात की जा सकती है। सचिन महान हैं। हां, आप कह सकते हैं कि कोहली रन बना रहे हैं। उनका टेस्ट औसत 50 से ज्यादा (53.76) है। लेकिन सचिन ने इस औसत को 200 टेस्ट मैच तक बरकरार रखा। वनडे में हालांकि कोहली का रेकॉर्ड अविश्वसनीय है। तभी मुझे लगता है कि भारत एक खतरनाक टीम है। अगर विराट के लिए वर्ल्ड कप अच्छा रहा, तो भारत टूर्नमेंट जीत सकता है।
यहां तक कि अगर आप मेरे करियर को भी देखें, मुझे 41 शतक या 13000 रन बनाने पर इतना गर्व नहीं है। टीम की जीत में मेरा कितना योगदान रहा यह बात अधिक महत्वपूर्ण है। मैंने 168 टेस्ट मैच खेल जिसमें से 110 में हमारी टीम जीती। मुझे इस बात का फख्र है। और विराट भी काफी हद तक उसी लाइन पर हैं।
वह उन नंबर्स को हासिल कर सकते हैं। शायद टेस्ट क्रिकेट में नहीं लेकिन वनडे इंटरनैशनल में बेशक वह वहां तक पहुंच सकते हैं। यह देखना दिलचस्प है होगा कि भारत ने जो मैच जीते हैं उसमें विराट कोहली ने कितने रन बनाए हैं। ये रन बहुत ज्यादा हैं।
चूंकि मैं विराट को खेलते देखता हूं तो इस वजह से मैं उन्हें खुद के साथ जोड़कर देख सकता हूं। मुझे लगता है कि उनका ऐटिट्यूड काफी कुछ मेरे से मिलता-जुलता है। मैदान पर वह काफी आक्रामक हैं, वह अपनी भावनाओं का खुलकर इजहार करते हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज हालांकि कई बार नियंत्रण से बाहर हो जाती है। यह मेरी तरह है। मैं भी ऐसा ही था।
जब आप मैदान पर प्रतिस्पर्धा कर रहे होते हैं तो गर्मी में कई बार ऐसी घटनाएं हो जाती हैं। मैं कई बार विराट में अपना अक्स देखा हूं, खास तौर पर जब वह मैदान पर होते हैं तब। हालांकि बल्लेबाजी के बारे में मैं ऐसा नहीं कह सकता। हम शायद स्वाभाविक रूप से ऐसे ही आक्रामक हैं।