मोदी के खास दोस्त ने निभाई वफादारी, ड्रैगन को बताया ‘चोर’  

वाशिंगटन। अमेरिका के नव निर्वाचित राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह अब राजनीति करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं। राष्‍ट्रपति चुनाव से पहले उन्‍होंने अमेरिका के बहुसंख्यक भारतीयों को लुभाने का कोई को मौका नहीं छोड़ा। चुनाव में अपना उल्‍लू सीधा करने के लिए उन्‍होंने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की, चीन को भला बुरा कहा, तो उनके घर वालों ने मंदिर जाकर मुराद मांगी। अपनी इन्‍हीं खुबियों की वजह से ट्रंप अक्‍सर चर्चा में बने रहते हैं।

राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप

अब डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनके देश और चीन के संबंधों को बेहतर बनाना उनके प्रशासन की प्राथमिकता होगी। कुछ दिनों पहले उन्होंने मुद्रा हेरफेर और दक्षिण चीन सागर में सैन्य निर्माण करने को लेकर बीजिंग की आलोचना की थी। ट्रंप ने आयोवा में बृहस्पतिवार (8 दिसंबर) को एक सार्वजनिक सभा में कहा, ‘चीन उन देशों में शामिल है, जिनके साथ हमें संबंधों को बेहतर बनाना आवश्यक है।’ हालांकि उन्होंने आरोप लगाया कि चीन की अर्थव्यवस्था जोड़-तोड़ वाली है।

ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका को व्यापार में जो घाटा होता है, उनमें से लगभग आधे के लिए चीन जिम्मेदार है। चीन बाजार आधारित अर्थव्यवस्था नहीं है। उन्हें बहुत अधिक मदद मिली है और इसलिए हम उन्हें एक गैर-बाजार अर्थव्यवस्था कहते हैं।’

उन्होंने कहा कि चीन नियमों के अनुसार नहीं चला है जबकि उनका देश नियमों के अनुसार आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘आपके पास बड़े पैमाने पर चोरी की बौद्धिक संपदा है, आप हमारी कंपनियों पर अनुचित कर लगा रहे हैं। वे लोग उत्तर कोरिया के खतरे से निपटने में वैसी मदद नहीं कर रहे हैं, जैसी उनको करनी चाहिए और अपनी मुद्रा का भारी अवमूल्यन कर रहे हैं।’’

ट्रंप ने कहा, उन्होंने चीन में अपने अगले राजदूत के रूप में आयोवा के गर्वनर टेरी ब्रांस्टैड का चयन किया है। उन्होंने कहा, ‘जिस व्यक्ति को मैंने चीन में अमेरिका के राजदूत के रूप में चुना है वह चीन को जानते हैं और चीन को पसंद करते हैं और वह जानते हैं कि परिणाम किस तरह से दिया जाता है। वह उस तरह से काम करेंगे जिस तरह से वह महान किसानों और आयोवा के लोगों के लिए कर 23 वर्ष से कर रहे हैं।’

ट्रंप ने कहा, ‘मुझे पता है कि हम अपनी नौकरियों को वापस लाने में सफल होंगे और मैं यह भी जानता हूं कि चीन बहुत मुश्किल और बहुत प्रतिस्पर्धी है, लेकिन मैं आपसे कहना चाहता हूं कि हमारे बीच परस्पर आदर का भाव होगा।’ निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी इच्छा एप्पल और अन्य कंपनियों को अमेरिका में निर्माण संयंत्र को शुरू करते हुए देखने की है। सत्तर वर्षीय ट्रंप ने कहा, ‘मैं बड़े संयंत्रों को देखना चाहता हूं। उनके सबसे बड़े संयंत्र। नैतिक सुधार करना हमारी 100 दिन की योजना का एक महत्पूर्ण हिस्सा होगा। हम वाशिंगटन डीसी से भ्रष्टाचार को पूरी तरह खत्म करेंगे।’

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