राष्ट्रीय लोकदल की मांग, प्रधानमंत्री को रामलीला मैदान के साथ ईदगाह भी जाना चाहिए

 

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश अध्यक्ष मसूद अहमद ने सोमवार को कहा कि ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रामलीला मैदान के साथ-साथ ईदगाह भी जाना चाहिए और खुदा की इबादत करने वालों का हौसला बढ़ाना चाहिए।

अहमद ने यह बात रविवार को उप्र के फतेहपुर में प्रधानमंत्री द्वारा रमजान और दीवाली पर बिजली को लेकर की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।

उन्होंने कहा, “प्रदेश ही नहीं, देश में ‘सबका साथ सबका विकास’ कहने का अधिकार मोदी जी को तभी होगा जब वह रामलीला मैदान के साथ-साथ ईदगाह जाना भी शुरू कर देंगे। इससे खुदा की इबादत करने वालों का भी हौसला बढ़ेगा।”

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल दशहरे के मौके पर लखनऊ के रामलीला मैदान पहुंचे थे और ‘जय श्री राम जय जय श्री राम’ का उद्घोष किया था। उन्होंने रविवार को फतेहपुर की रैली में प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा था कि कब्रिस्तान के साथ शमशान भी बनाने चाहिए और रमजान के साथ-साथ दीवाली पर भी 24 घंटे बिजली उपलब्ध होनी चाहिए।

अहमद ने कहा, “उत्तर प्रदेश में हिंदू-मुस्लिम में भेदभाव का संकट पैदा करने वाले ही दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं और जहरीले बोल बोलकर प्रदेश के सामाजिक ढांचे को तहस-नहस करने का कुचक्र रच रहे हैं।”

उन्होंने कहा, “यह देश धर्मनिरपेक्षता की विश्व में मिसाल है और हमारा संविधान धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर आधारित है। यहां हिंदू राष्ट्र की बात करने वाले देशद्रोही हैं, क्योंकि और संविधान के विरुद्ध बोलना देशद्रोह की श्रेणी में आता है। लेकिन अफसोस की बात है कि इसके उलट केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी के लोग हिंदूवाद के खिलाफ बोलने वाले को ही देशद्रोही बताते हैं। इन लोगों की संविधान में कोई आस्था नहीं है।”

मसूद ने कहा कि प्रदेश की जनता इस चुनाव में चौधरी चरण सिंह के सपनों को साकार करने का संकल्प ले चुकी है, धर्म के नाम पर समाज को बांटने वाले अपने मन की बात यूं ही बोलते रह जाएंगे।

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