रायबरेली में सामने आया चिटफंड फ्रॉड, लोगों की गाढ़ी मेहनत की कमाई लेकर फरार

रिपोर्ट-अखिल श्रीवास्तव/रायबरेली

सरकार की लाख लोशिशों के बाद भी चिटफण्ड कम्पनियों के फ्राड रुकने का नाम नहीं ले रहे है। कभी जिलों में माल खोलकर सस्ते में किस्तों पर सामान देने का लालच देकर या फिर कम समय में लोंगो की जमा धनराशि को दुगना करने का लालच देकर आम जनमानस की गाढ़ी कमाई लूटकर चल देते है।

फिर चाहे सरकार के नियम कितने ही सख्त हो , ये कम्पनिया किसी भी जनपद में चार से पाँच वर्षों तक काम करती है, जिससे इनका जादू जनता पर चल ही जाता है।

चिट फंड कंपनी

ऐसा ही एक मामला रायबरेली जनपद में भी सामने आया जंहा शहर स्थित एक को आपरेटिव सोसाइटी लोगों का करोङो रुपये लेकर फराफ हो गयी।

दरसल शहर स्थित लोकहित भारती को आपरेटिव सोसाइटी नाम की संस्था में सुबह सुबह ताला लगा हुआ मिला काफी इन्तजार के बाद भी जब आफिस का ताला नहीं खुला और वंहा के कर्मचारी नादरत मिले तो कंपनी में लोंगो का पैसा जमा और निकासी करने आये कंपनी के कलेक्शन एजेन्ट सकते में आ गए। थकहार कर सभी पुलिस अधीक्षक कार्यालय पंहुचे और मामले में ठगी की शिकायत की और न्याय दिलाने की माँग की.

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शिकायत करने आये कलेक्शन एजेन्टों ने बताया कि वह सभी लोकहित भारती को आपरेटिव सोसाइटी में टीम बनाकर काम करते है। उन्हें लालच दिया गया और सभी लोग बेरोजगारी की मार के चलते ऐसी कंपनियों में काम भी करने लगे।

यह कंपनी वर्ष 2012 से जनपद में कार्य कर रही थी।  हम सभी का विश्वास बढ़ गया था और पूरे जनपद में काम कर रही टीमों ने करीब 55 से 60 करोण रुपये का कारोबार किया और अब जब सभी खातों की मेच्योरिटी का नंबर आया तो कंपनी भाग गयी।

अब हम सभी परेशान है।  जिनका पैसा लगा है वह हम एजेंटों को ही पकड़ेंगे ऐसे में हम तो ठगे गए है जिसकी शिकायत लेकर हम पुलिस अधीक्षक कार्यालय आये हुए है।

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