नवमी मुहूर्त- ज्योतिष गणना अनुसार नवमी तिथि शनिवार को प्रातः 11 बजकर 41 मिनट से आरंभ होकर रविवार को प्रातः 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगी। साधकगण शनिवार और रविवार को नवमी पूजा और यज्ञ अनुष्ठान कर सकते हैं। उदयातिथि को मानने अनुसार नवमी पूजनकाल रविवार को अहोरात्र बना रहेगा।
राम नवमी पूजन विधि-
– नारद पुराण के अनुसार राम नवमी के दिन भक्तों को उपवास करना चाहिए।
– घर के मंदिर में भगवान भगवान राम की मूर्ति की स्थापना करें और दीपक जलाएं।
– श्री राम जी की पूजा-अर्चना करने के बाद रामायण और राम रक्षास्त्रोत का पाठ करें।
– ब्राह्मणों को भोजन कराएं और गौ, भूमि, वस्त्र आदि का दान दें।
– इसके बाद भगवान श्रीराम की पूजा संपन्न करनी चाहिए।
कैसे करें राम नवमी पर खास पूजा-
– स्नान कर पीले वस्त्र पहनें।
– लाल कपड़े बिछाकर सीता राम जी की तस्वीर रखें।
– शुद्ध घी या तिल तेल दीपक जलाएं साथ ही चंदन की अगरबत्ती जलाएं।
– गुलाब, फूल, माला और गुलाम पुष्प चढ़ाएं,
– सफ़ेद मिठाई और कोई सफ़ेद फल चढ़ाएं।
– इस मंत्र ॐ रामाय नमः। ॐ श्रीं रामाय नमः ।ॐ क्लीं रामाय नमः का जाप करें।
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श्रीराम राम नवमी पर करें ये ख़ास उपाय, मिलेंगे वरदान-
– एक पानीवाला जटावाला नारियल लें।
– बीच से ऐसे तोड़ें की दो कटोरी बन जाए।
– एक में घी भरकर एक बत्ती लगा दें।
– दूसरे में तिल के तेल भरकर रुई की बत्ती लगाएं।
– घी के दीपक को मुख्य द्वार से बाहर निकलते दाहिने तरफ और तिल तेल दीपक बाएं तरफ जलाएं।
– घर में श्रीराम की पूजा करें और भोग लगाकर घरवालों को प्रसाद बांट दें।
– बाद में काले कपड़े में एक नारियल गुड़ और तिल बांधकर दोनों दीपक पीपल पर छोड़ आएं।