राफेल मुद्दे पर लोकसभा में ऐसे भिड़े पक्ष और विपक्ष, स्पीकर को करनी पड़ी ये कार्यवाही…
नई दिल्ली| राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
विपक्ष ने जहां राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग की, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग करते हुए हंगामा किया।
इससे पहले एक स्थगन के बाद दोपहर में सदन की बैठक जैसे ही शुरू हुई, कांग्रेस, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) और अन्य विपक्षी सदस्य नारेबाजी व हंगामा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के आसन के समीप पहुंच गए।
कांग्रेस के सदस्य जहां राफेल सौदे की जांच के लिए जेपीसी की मांग कर रहे थे, वहीं ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) के सदस्य कावेरी जल मुद्दे को लेकर विरोध व हंगामा कर रहे थे।
तेदेपा सदस्य आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे थे।
हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कार्यवाही संचालित करने की कोशिश की और भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक, 2018 और केंद्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2018 पेश किया गया।
विधेयक पेश किए जाने के तुरंत बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राफेल सौद में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का जिक्र करते हुए विपक्ष के आरोपों को लेकर उस पर हमला बोला।
उन्होंने शून्य काल के दौरान कहा, “राजनीतिक लाभ के लिए, राहुल गांधी ने देश को गुमराह करने की कोशिश की और वैश्विक स्तर पर देश की छवि को खराब करने की कोशिश की।”
गृहमंत्री ने कहा कि ‘रेडी टू फ्लाई’ स्थिति में 36 राफेल जेट विमानों की खरीद प्रक्रिया और गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है।
कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच राजनाथ ने कहा, “राहुल गांधी को सदन में आकर देश से माफी मांगनी चाहिए। ”
विरोध प्रदर्शन के बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य ‘राहुल गांधी चोर है’ और ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ नारे लगाते सुने गए।
जैसे ही राजनाथ ने अपना भाषण समाप्त किया, महाजन ने सदस्यों से सीटों पर वापस जाने का अनुरोध किया।
अशोक गहलोत होंगे राजस्थान के मुख्यमंत्री, पायलट डिप्टी सीएम
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी बोलने की महाजन से अनुमति मांगी, लेकिन उन्होंने अनुमति नहीं दी।
महाजन ने सदस्यों से कहा, “अगर आप चर्चा चाहते हैं, तो आप चर्चा कर सकते हैं। लेकिन, पहले अपनी सीटों पर वापस जाएं।”
कांग्रेस और अन्य विपक्षी सदस्यों द्वारा हंगामा जारी रखने पर महाजन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समीप पहुंचकर सरकार विरोधी नारे लगाए।
इस पर संसदीय मामलों के मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उठकर कहा, “अब जब राफले पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आ गया है, तो कांग्रेस को देश को गुमराह करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।”
हंगामा जारी रहने पर सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
पांच राज्यों का विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अब तक बचाव की मुद्रा में दिख रही सरकार ने न्यायालय का फैसला आने के बाद अचानक से आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है।