
असम के होजई जिले में शनिवार तड़के एक घटना हुई, जब सैरांग-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 20507) एक हाथियों के झुंड से टकरा गई। इस टक्कर में 7 से 8 हाथियों की मौत हो गई और एक घायल हुआ।
टक्कर इतनी जोरदार थी कि ट्रेन का इंजन और 5 कोच पटरी से उतर गए। अच्छी बात यह रही कि यात्रियों को कोई चोट नहीं आई और कोई ह्यूमन कैजुअल्टी नहीं हुई।
नॉर्थईस्ट फ्रंटियर रेलवे (एनएफआर) के अनुसार, हादसा जामुनामुख-कांपुर सेक्शन में चंगजुराई इलाके में लगभग सुबह 2:17 बजे हुआ। लोको पायलट ने हाथियों को ट्रैक पर देखकर इमरजेंसी ब्रेक लगाया, लेकिन टक्कर टल नहीं सकी। यह जगह आधिकारिक रूप से घोषित एलिफेंट कॉरिडोर नहीं है।
हादसे के बाद एनएफआर के जनरल मैनेजर और लुमडिंग डिवीजनल रेलवे मैनेजर समेत सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रभावित कोचों के यात्रियों को अन्य कोचों की खाली बर्थों में शिफ्ट किया गया। डिरेल कोचों को अलग कर ट्रेन सुबह 6:11 बजे गुवाहाटी के लिए रवाना हो गई, जहां अतिरिक्त कोच जोड़े जाएंगे और फिर दिल्ली की ओर यात्रा जारी रहेगी।
वन विभाग के नागांव डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर सुहाश कदम ने बताया कि मृत हाथियों का पोस्टमॉर्टम चल रहा है और घायल हाथी का इलाज किया जा रहा। शवों का अंतिम संस्कार हादसे वाली जगह के पास किया जाएगा। प्रभावित सेक्शन में ट्रेन सेवाएं बाधित हैं, कई ट्रेनें अप लाइन से डायवर्ट की गई हैं और रेस्टोरेशन का काम जारी है।
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने हाथियों की मौत पर शोक जताया और असम की हिमंत बिस्वा सरमा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अनियोजित और खराब नियंत्रित विकास के कारण जंगलों का तेजी से विनाश हो रहा है, जिससे जानवरों के माइग्रेशन रूट बाधित हो रहे हैं और ऐसे हादसे बढ़ रहे हैं।
यह असम में ट्रेन-हाथी टक्कर की पहली घटना नहीं है। राज्य में रेल लाइनों के जंगलों से गुजरने के कारण ऐसे हादसे आम हैं, और विशेषज्ञ एलिफेंट कॉरिडोर में स्पीड लिमिट, सेंसर और अन्य उपायों की मांग करते रहे हैं।





