केजरीवाल के लिए आई MCD चुनाव में हार से भी बुरी खबर, अपने नए ‘घर’ में एंट्री से पहले ही बैन!

राज्यसभा में आपनई दिल्ली। राजनीति बदलने के लिए ‘दलदल’ में उतरे सीएम अरविंद केजरीवाल इसी में फंसते जा रहे हैं। पहले उपचुनाव में पार्टी के कैंडीडेट की जमानत जब्त ने दर्शा दिया कि जनता आम आदमी पार्टी को वोट देने की गलती बार बार नहीं करना चाहती। अब एमसीडी चुनाव के बाद केजरीवाल का एक और सपना चकनाचूर होने जा रहा है। ये झटका उन्हें उनकी पार्टी के ही आम से खास बने लोग देंने की तैयारी में हैं। दरअसल राज्यसभा में आप के पहुंचने का सपना देख रहे केजरीवाल को बड़ा झटका मिलने जा रहा है।

दिल्ली में बीते दिनों राजौरी गार्डन विधानसभा सीट उपचुनाव में जनता की कृपा भाजपा-अकाली गठबंधन के उम्मीदवार मनजिंदर सिंह सिरसा पर बरसी। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हरजीत सिंह की जमानत जब्त हो गई। इसी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ गई थीं।

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अब सूत्रों के हवाले से खबर है कि आप के विधायक ही केजरीवाल सरकार को संकट में डालने को लेकर रणनीति तैयार कर चुके हैं। पार्टी के करीब 15 विधायक भाजपा के संपर्क में है। उपचुनाव और एमसीडी चुनाव के बाद यह संख्या और भी बढ़ सकती है। इसका बड़ा कारण केजरीवाल से असंतुष्ट होना है।

राज्यसभा में आप के दरवाजे बंद करेगी भाजपा!

भाजपा सूत्र बताते हैं कि भाजपा अब केजरीवाल की हिटलर शाही से नाराज विधायकों को अपनाने में देरी नहीं बरतना चाहती। भाजपा का मानना है कि गोवा में एक भी सीट न जीतने, पंजाब में सरकार बनाने का सपना चकनाचूर होने, शुगलू कमेटी की रिपोर्ट में आप को कटघरें में खड़ा करने और आप के 21 विधायकों पर विधायकी जाने की लटकी तलवार के बाद आप में भगदड़ मचना तय है।

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गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही आप पार्टी के बवाना से विधायक वेद प्रकाश ने भाजपा का दामन थाम लिया था. इसके पहले बिजवासन से आम आदमी पार्टी के विधायक देवेंन्द्र सेहरावत के विद्रोह का बिगुल फूकने के बाद पार्टी ने उन्हे निष्कासित कर दिया था। राजौरी गार्डन सीट जीतने के बाद भाजपा की सीटें बढकर चार हो गई हैं,

वहीं आप की सीटें 67 से घटकर 64 हो गई हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि आप के 15 विधायक भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। लेकिन भाजपा की रणनीति 25 आम आदमी पार्टी विधायकों से बगावत कर आम आदमी पार्टी को नए चुनाव में जाने के लिए मजबूर करना है।

राज्यसभा जाने से रोकना प्राथमिकता

दिल्ली से राज्यसभा की तीन सीटें है और इन तीन सीटों का कार्यकाल 9 महीने बाद जनवरी 2018 में खत्म हो रहा है। आम आदमी पार्टी को मिले प्रचंड बहुमत के बाद इन तीनो सीटों सें राज्यसभा से आम आदमी पार्टी का जाना तय है। भाजपा की कोशिश कि अगले साल जनवरी में दिल्ली से खाली हो रही तीनों राज्यसभा सीटों के चुनाव से पहले ही आप में बगावत कराने की है जिससें केजरीवाल की पार्टी को राज्यसभा में जाने से रोका जा सके।

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