नौकरी में प्रमोशन के लिए रविवार को करें ये खास उपाय  

रविवारज्योतिष में सूर्य को सभी ग्रहों का अधिपति माना जाता है। सूर्य की ही शक्ति से सभी ग्रह चलायमान होकर व्यक्ति के भाग्य की रूपरेखा रचते हैं। ऐसे में सूर्यदेव की आराधना करने से कुंडली में विद्यमान ग्रहों का नकारात्मक असर खत्म होकर सफलता के द्वार खुल जाते हैं। हिंदू धर्म के अनुसार रविवार सूर्य का वार है। इस दिन भगवान सूर्य की आराधना-अर्चना से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सूर्य के निमित्त दान-पुण्य करने से बड़े से बड़ा अशुभ भी टल जाता है।

रविवार को करें ये उपाय प्रसन्‍न होंगे भगवान

यदि किसी की कुंडली में गरीबी, निर्धनता और शत्रुओं से बार-बार हारना लिखा हो तो उसे सूर्य की आराधना करनी चाहिए। रविवार को सूर्य की विशेष आराधना करने से व्‍यक्ति के भाग्य में राजयोग का निर्माण होता है। यदि कोई व्यक्ति कारागार में हों या उस पर आपराधिक केस चल रहा हो तो भी सूर्य के मंत्र जाप से वह तुरंत कारागार से छूट जाता है।

रविवार के दिन सुबह उठकर नहा-धोकर एक तांबे के लोटे से सूर्य देव को गायत्री मंत्र बोलते हुए जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय लोटे से नीचे गिरते पानी से सूर्य के दर्शन करें। इसके बाद आदित्य ह्रदयस्त्रोत का पाठ करें। इसके बाद गायत्री मंत्र की एक माला जाप कर लें। इससे बुरे से बुरा समय भी टल जाता है।

इस छोटे से उपाय से एक बार मृत्यु को भी हराया जा सकता है। यदि नौकरी में प्रमोशन नहीं हो रहा है, या कोई व्यक्ति बेहद बीमार हो तो उसे इस उपाय को अवश्य काम में लेना चाहिए।

दुर्गाष्‍टमी आज, एेसे करें मां की पूजा 

दुर्गाष्टमी का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर दुर्गाष्टमी व्रत किया जाता है, इसे ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ भी कहते हैं। इस दौरान श्रद्धालु दुर्गा माता की पूजा करते हैं और उनके लिए पूरे दिन का व्रत करते हैं। मुख्य दुर्गाष्टमी, जिसे ‘महाष्टमी’ कहा जाता है, आश्विन माह में नौ दिन के शारदीय नवरात्र उत्सव के दौरान पड़ती है।

दुर्गाष्टमी को ‘दुर्गा अष्टमी’ और ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ को ‘मास दुर्गाष्टमी’ के नाम से भी जाना जाता है। भगवती दुर्गा को उबाले हुए चने, हलवा-पूरी, खीर, पुए आदि का भोग लगाया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की मूर्ति का मन्त्रों से विधिपूर्वक पूजन किया जाता है। बहुत-से व्यक्ति इस महाशक्ति को प्रसन्न करने के लिए हवन आदि भी करते हैं। शक्तिपीठों में इस दिन बहुत उत्सव मनाया जाता है।

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