अजय बिष्ट की ज़िन्दगी की इस घटना ने उन्हें बनाया योगी आदित्यनाथ

योगी की ज़िन्दगीलखनऊ। उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस वक्त तेज़ी के साथ यूपी को विकास के पथ पर आगे ले जा रहे हैं। योगी के काम करने के तरीके से ही ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि वो निजी ज़िन्दगी में भी कितने एक्टिव होंगे। आज हर किसी की जुबान पर योगी-योगी छाया हुआ है। ये बहुत कम लोग ही जानते हैं कि उनका असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। आइए आज हम आपको बताते हैं योगी की ज़िन्दगी का हर एक सच। हम आपको ये भी बताएंगे कि यूपी के सीएम कैसे बने अजय से योगी?

आदित्यनाथ का जन्म आज के दिन यानी 5 जून 1974 को उत्तराखंड के गढ़वाल में हुआ था। योगी के पिता आनन्द सिंह बिष्ट फॉरेस्‍ट में रेंजर थे, जबकि मां का नाम सावित्री देवी है। माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद पांचवें नंबर के योगी हैं। योगी से दो छोटे भाई हैं।

22 साल की उम्र में ही उन्होंने सांसारिक जीवन त्याग कर संन्यास ग्रहण कर लिया था। इसी के बाद इन्हें योगी आदित्यनाथ नाम दिया गया।

15 फरवरी 1994 को नाथपंथ के विश्व प्रसिद्ध मठ श्री गोरक्षनाथ मंदिर गोरखपुर के गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवैद्यनाथ महाराज ने योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी शिष्य घोषित कर उनका दीक्षाभिषेक कर दिया।

साल 1998 में महन्त अवैद्यनाथ ने राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी और योगी आदित्यनाथ सिर्फ 26 साल की उम्र में 12वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गए। वे सबसे कम उम्र के सांसद बने थे।

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वे लगातार पांच बार 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में सांसद चुने गए हैं। साल 2014 में गोखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ के निधन के बाद वे यहां के महंत यानी पीठाधीश्वर चुन लिए गए।

हिंदुत्व एजेंडे की राजनीति करने वाले योगी के बारे में गोरखपुर में उनके समर्थक अक्सर नारा लगाते हैं कि ‘गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा।’

योगी ने ही हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और पूर्वांचल के इलाके में धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए।

साल 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी भी बनाया गया। योगी की गिरफ्तारी भी हुई और इस पर काफी हंगामा भी हुआ था।

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