सीएम योगी ने अखिलेश को दिया जोर का झटका, एक वार से किए तीन शिकार

योगी आदित्यनाथलखनऊ। यूपी की गद्दी बैठने के बाद योगी आदित्यनाथ ने अपने पहले इंटरव्यू में समाज के मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर बड़ा बयान दिया। सालों से लंबित राम मंदिर और अवैध बूचड़खाने पर ख़ास तौर पर जोर दिया। राम मंदिर मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की सलाह का समर्थन किया, वहीं बूचडखानों पर हुई कार्रवाई को भी कोर्ट का फैसला बताया। इतना ही नहीं उन्होंने शाकाहार से होने वाले कई फायदों को भी बताया।

योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान

खबरों के मुताबिक़ पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले में कहा था कि ये संवेदनशील और लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ मामला है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मसले को आपसी बातचीत के द्वारा सुलझाया जा सकता है।

सुप्रीमकोर्ट के सुझावों का स्वागत करते हुए योगी आदित्यनाथ ने आरएसएस के मुखपत्र पांचजन्य से बातचीत में कहा कि वो भी चाहते हैं कि इस मामले को सभी पक्षों द्वारा आपसी बातचीत से सुलझा लेना चाहिए।

उन्होंने कहा “मैं सुप्रीमकोर्ट की सलाह का स्वागत करता हूं। मेरी सरकार सभी पक्षों की बातचीत के जरिए इस विवाद को सुलझाने में मदद करेगी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुमत से इस मामले पर फैसला दिया था। ऐसे में अब जरूरी ये है कि इस विवाद को बातचीत के जरिए सुलझा लिया जाए।”

“योगी आदित्यनाथ ने अपनी सरकार के अवैध बूचड़खानों के खिलाफ की गई कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि प्रशासन सिर्फ कोर्ट के आदेशों का पालन कर रहा है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2015 और इलाहबाद हाईकोर्ट ने 2017 में उत्तर प्रदेश में चल रहे अवैध बूचड़खानों को लेकर सरकार को कई निर्देश जारी किए हैं।

हम सिर्फ कोर्ट ने इन निर्देशों का पालन कर रहे हैं। आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि जिन बूचड़खानों पर वैध लाइसेंस हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।”

वहीं शाकाहार पर बात करते हुए सीएम योगी ने मीट बैन मुद्दे पर उठे सवाल का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि शाकाहारी भोजन शरीर के लिए अच्छा होता है। मैं किसी की जांच नहीं कर रहा हूं। मैं ये कहना चाहता हूं कि भारतीय संविधान लोगों को कुछ अधिकार और स्वतंत्रताएं देता है लेकिन कुछ पाबंदियां होनी चाहिए।

इतना ही नहीं सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार किसी का भी तुष्टिकरण नहीं करेगी। पूर्व सीएम के शब्दों के साथ उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि सरकार सभी की बेहतरी के लिए काम कर रही है। समय आने पर काम बोलेगा।

बता दें चुनावों से पूर्व सीएम अखिलेश यादव इसी तर्ज पर जीत हासिल करने की फिराक में थे कि ‘काम बोलता है’ इस नजरिए से कई लोग इसे एक तंज की तरह भी देख रहे हैं।

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