इस वक्त दुनिया पर कोरोना वायरस का संकट तो छा ही रहा है साथ ही बदलते मौसम की वजह से लोग अलग से बीमार पड़ रहे हैं. इस बदलते मौसम ने लोगों के बीच समस्या पैदा कर दी है. इस वक्त लोगों के बीच कोरोना का डर तो है ही लेकिन बदलते मौसम ने अलग परेशान करके रखा है. ऐसे में इस वजह से लोगों को फ़ीवर, गला खराब और जुकाम की शिकायत बनी हुई जो कि कोरोना के लक्षणों में भी हैं. खांसी होना और बुखार आना ये दोनों में ही मौजूद लक्षण हैं इसलिए हम और ज्यादा घबराने लगे हैं कि कहीं हमें भी तो कोरोना नहीं.

लेकिन आपको परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि हम आपको बताने जा रहें कुछ ऐसे फरक के बारे में और ऐसे लक्षणों के बारे में जिससे आपके सारे शक दूर हो जाएंगे. तो चलिए जानते हैं उनके बारे में…
खांसी दो प्रकार की होती है-सूखी और गीली. अगर आपको खांसने पर कफ़ आ रहा है तो वो गीली खांसी है और अगर नहीं तो वह सूखी खांसी है. अगर आपको अन्य शुरुआती लक्षणों के साथ सूखी खांसी भी है तो यह कोरोना वायरस की उपस्थिति हो सकती है। अगर गीली खांसी है यानी खांसने पर कफ निकलता है तो यह जरूरी नहीं कि आपको कोरोना वायरस हो।
अब सवाल यह है कि आप सूखी खांसी की पहचान कैसे कर सकते हैं और यह गीली खांसी से कैसे अलग है!
खांसी शरीर की एक तरह से नैचुरल डिफेंसिव एक्शन यानी प्राकृतिक रक्षात्मक प्रतिक्रिया है। हम खांस कर शरीर से बलगम, कफ, धुआं या एलर्जीन जैसी किसी भी जलन या बेकार तत्व बाहर निकालते हैं। कोरोना के 60 फीसदी मामलों में सूखी खांसी प्रमुख लक्षण के रूप में सामने आया है। इसलिए खांसी होते ही लोगों की चिंता स्वाभाविक है। हालांकि सूखी और गीली खांसी में खासा अंतर है।
- सूखी खांसी तब होती है जब छाती या श्वसन तंत्र में जलन या सूजन होती है लेकिन कोई बलगम नहीं बनता है।
- यह गले में एक खरोंच जैसी चुभन देती है और इसमें कफ नहीं निकलता है।
- वहीं खांसी के साथ जब शरीर बलगम और कफ को बाहर निकालता है तो यह गीली कहलाती है।
- खांसी की स्थिति में व्यक्ति अपनी छाती और श्वसन मार्ग से नाक तक कफ महसूस कर सकता है।
- गीली खांसी की अपेक्षा सूखी खांसी में तरह-तरह की आवाज आती है। जैसे कि आपको गले के पीछे चुभन, खिचखिच या आवाज में कर्कशता महसूस हो।
- कफ वाली गीली खांसी की अपेक्षा सूखी खांसी की समस्या ज्यादा दिनों तक रह सकती है और कई बार यह इतना ज्यादा और लगातार हो सकता है कि नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है।
- गीली खांसी में हमारा श्वसन मार्ग बदल जाता है। कफ होने की स्थिति में कई बार मुंह से भी सांस लेना पड़त है। सर्दी हो तो नाक का एक छिद्र बंद हो जाता है। वहीं सूखी खांसी में श्वसन मार्ग नहीं बदलता।
केवल खांसी से घबराएं नहीं
इतना तो आप समझ गए होंगे कि केवल सूखी खांसी कोरोना के लक्षणों में नहीं है। सूखी खांसी अक्सर धूल और धुएं से एलर्जी, साइनस, अस्थमा या टॉन्सिल संबंधी समस्या से भी हो सकती है। इसलिए कोरोना के अन्य लक्षणों की भी जांच करनी चाहिए। जैसे-
इतना तो आप समझ गए होंगे कि केवल सूखी खांसी कोरोना के लक्षणों में नहीं है। सूखी खांसी अक्सर धूल और धुएं से एलर्जी, साइनस, अस्थमा या टॉन्सिल संबंधी समस्या से भी हो सकती है। इसलिए कोरोना के अन्य लक्षणों की भी जांच करनी चाहिए। जैसे-
- आपको तेज बुखार है या नहीं
- सांस लेने में तकलीफ तो नहीं हो रही
- आपको डायरिया की शिकायत तो नहीं
पिछले दिनों हुए अध्ययनों में स्वाद या गंध लेने की शक्ति में कमी भी इसके लक्षणों में देखे गए हैं। यदि आप सूखी खांसी के साथ ऐसे लक्षण भी महसूस करते हैं तो आपको निश्चित ही डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
इस बीच आप खांसी के लिए आप मेडिकल सलाह पर दवाएं भी ले सकते हैं और चाहें तो घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। जैसे कि नमक के पानी से गरारे करना, शहद के साथ अदरक का सेवन करना, मुंह में लौंग रखना आदि करने से भी आराम मिलता है। लगातार खांसी हो तो आप सोते समय एक ऊंचा तकिया का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा करना आपके सीने की जलन और गले की खराश को कम करने में मदद करेगा।
(नोट: यह लेख आपकी जानकारी बढ़ाने के लिए चिकित्सकों की स्वास्थ्य सलाह पर आधारित है। किसी तरह की दिक्कत में डॉक्टर से संपर्क कर लेना श्रेयस्कर है।)