यूपी समेत अन्य राज्यों में कोविड प्रोटोकॉल की अनदेखी, बिना सोचे-समझे दी जा रही यह गोलियां

कोरोना मरीजों पर बेअसर दवाओं की खपत दो साल बाद भी खत्म होती दिखाई नहीं दे रही है। कहीं राज्य सरकार होम आइसोलेसन में मरीज को मल्टीविटामिन की गोलियां रोजाना खाने की सलाह दे रहे हैं, तो कहीं रिकवर मरीजों को अस्पताल से विटामिन की दवाओं का प्रिस्क्रिप्शन दिया जा रहा है। यहां तक की यह प्रिस्क्रिप्शन सोशल मीडिया पर भी खूब दौड़ लगा रहे हैं।

देश के अलग-अलग जगहों से सामने आ रहीं इन प्रिस्क्रिप्शन की जानकारियों को देखकर एम्स के डॉक्टर भी हैरान हैं। उनका कहना है कि सोशल मीडिया के साथ ही चिकित्सीय वर्ग भी तरह-तरह की प्रैक्टिस कर रहा है। राज्य सरकारें भी कोविड प्रोटोकॉल को अनदेखा कर गलत दिशा निर्देश जारी कर रही हैं।

डॉक्टर बताते हैं कि महामारी की शुरुआत से लेकर अभी तक विटामिन या फिर जिंक की दवाओं का असर कोविड रिकवर मरीजों पर कोई सबूत सामने नहीं आया है। डॉक्टर बताते हैं कि जिस तरह से दवाओं की ओवरडोज का नकारात्मक प्रभाव ब्लैक फंगस के रूप में सामने आया उसके बाद भी लोग इसको लेकर जागरूक नहीं है।

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