15 विभूतियों को मिला ‘प्रवासी भारतीय रत्न’ सम्मान

यूपी प्रवासी भारतीय रत्नलखनऊ: विदेशों में रहकर उपलब्धियों के नए आयाम स्थापित करने वाले 15 एनआरआई बुधवार को यूपी प्रवासी भारतीय रत्न से नवाजे गए। मौका था द्वितीय प्रवासी दिवस समारोह का, जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन विभूतियों को सम्मानित किया।

होटल ताज में आयोजित कार्यक्रम में सीआईआई से समीर गुप्ता, मुख्यमंत्री के सलाहकार आलोक रंजन, मुख्य सचिव राहुल भटनागर भी मौजूद थे।

अर्चना सतीश के संचालन में शुरू हुए कार्यक्रम में उन प्रोजेक्ट्स पर भी बात की गई जो प्रवासी भारतीयों की मदद से यहां शुरू किए जा सकते हैं।

यहां आए लोगों का कहना था कि यह सम्मेलन विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए एक उम्मीद है कि वे बाहर रहकर भी अपनी मिट्टी के लिए कुछ कर सकते हैं।

यूपी प्रवासी भारतीय रत्न इन्हें मिला

ज्ञानेन्द्र कुमार, प्रो. पीयूष गोयल, डॉ. अजेस महाराज, कृष्ण कुमार पांडेय, अदिति श्रीवास्तव, जितेन के अग्रवाल, तबस्सुम मंसूर, शेरबहादुर सिंह, प्रतिभा शालिनी तिवारी, राजीव भांबरी, सुरेश चंद्र अग्रवाल, सुधीर राठौर, विनोद गुप्ता, डॉ. सतीश राय, वीना भटनागर, विद्याधर सूरजपाल नायपॉल।

सेना में सेवाएं देने वाले कृष्ण कुमार पांडेय मूलत: प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। 13 साल पहले वह वीआरएस लेकर कैलिफोर्निया चले गए। वहां उन्होंने श और शा की जुगलबंदी कर समाजसेवा का नया रास्ता निकाला।

प्रतिभा मूलत: उन्नाव की रहने वाली हैं और बीएचयू की टॉपर रही हैं। 1993 में विदेश जाकर बसने वाली प्रतिभा वहां रहकर महिला सशक्तीकरण, बाल विकास जैसे तमाम सामाजिक कार्यों से जुड़ीं।

37 साल पहले ओस्लो गए सुरेश चंद्र शुक्ल वहां पत्रकार भी हैं और राजनीतिज्ञ भी। यहां उन्होंने गोपीनाथ लक्ष्मणदास रस्तोगी इंटर कॉलेज से 10वीं, डीएवी कॉलेज से 12वीं और बीएसएनवी डिग्री कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की है। लखनऊ की रहने वाली अदिति लॉस एंजेल्स में रहती हैं और यहां बनारस घराने से गायकी की शार्गिद भी हैं। वरिष्ठ शाीय गायिका गिरिजा देवी ह्यअप्पा जी उनकी गुरु हैं।यहां अदिति ने बनारसा घराने के साथ मिलकर एक फ्यूजन बैंड भी बनाया है और अब वह उप्र के लोकसंगीत को आगे बढ़ाना चाहती हैं।

LIVE TV