यूपी : चोरी हुई कार चला रहे थे पुलिस इंस्पेक्टर, एक फोन से कैसे खुल गया राज

कानपुर : उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में बिठूर थाने के पुलिस इंस्पेक्टर दो साल पहले चोरी हुई कार को चला रहे थे। इस बात का खुलासा तब हुआ। जब हर्ष नगर के एक सर्विस सेंटर के कस्टमर केयर से कार के असली मालिक के पास कॉल करके सर्विसिंग के बारे में पूछा गया। तब मालिक ने बताया की यह कार तो दो साल पहले चोरी हो गयी थी। मामले की जाँच करने पर पता चला कि कार बिठूर थाने के एसओ ने सर्विस के लिए भेजी थी। वहीं एक और पुलिस लावारिश कार को थाने में सीज करने की बात कह रही है।

आप को बता दे कि बर्रा के रहने वाले ओमेंद्र सोनी विज्ञापन एजेंसी चलाते हैं। ओमेंद्र की 31 दिसंबर 2018 को इलाके के एक धुलाई सेंटर में कार धुलने के गयी थी। धुलाई सेंटर से कार चोरी हो गयी, कार चोरी होने पर उन्होंने बर्रा थाने में कार चोरी का केस दर्ज कराया था। पुलिस चोरी की कार बरामद करने में असफल रही।

बता दे कि इसी बीच हर्ष नगर की एक कंपनी के सर्विस सेंटर से ओमेंद्र के पास सर्विस रिस्पांस को लेकर कॉल आई। जिस पर उन्होंने सर्विस सेंटर को अपनी कार चोरी होने की बात कही। मामले की जांच के लिए ओमेंद्र खुद सर्विस सेंटर पहुंचे। वहां उन्हें पता चला कि 15 दिसंबर को बिठूर एसओ ने कार को सर्विस कराने के लिए सेंटर भेजा था। 22 तारीख को सर्विस कर कार बिठूर पुलिस को दे दी गई थी। जिसके बाद उन्होंने बिठूर पुलिस से संपर्क किया। वही बिठूर एसओ ने बताया कि यह कार बिठूर थाना क्षेत्र में लावारिस मिली थी। जिस को सीज किया गया था। कार में नंबर न होने के चलते कार मालिक का पता कराया जा रहा था। थाने में एक कार की टक्कर के लगते यह कार क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिसको ठीक कराने के लिए सर्विस सेंटर भिजवाया गया था।

बिठूर पुलिस सवालों के घेरे मे

  • अगर लावारिस हालत में कार सीज की गई तो पुलिस सीज करने की तारीख क्यों नहीं बता पाई।
  • अगर थाने में कार लावारिस है तो इसका इस्तेमाल क्यों किया जा रहा था
  • अगर कार में नंबर नहीं था तो सर्विस सेंटर के पास कार और उसके मालिक की पूरी डिटेल कैसे थी।
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