यूपी इस जिले पहुंचे रूसी वैज्ञानिक, किसानों को दि ये जानकारी

REPORT-LOKESH TRIPATHI

अमेठी – रूसी वैज्ञानिकों की टीम पहुंची अमेठी। किसानों के साथ गोष्ठी कर रूस की प्राकृतिक एवं जैविक तकनीक से अमेठी की उसर भूमि उपजाऊ बनाने पर चलाई बात। भूमि की उर्वरता बढ़ाने से फसल की उपज दोगुनी होने की कही बात।

आपको बता दें कि अमेठी निवासी एवं भाजपा नेता व राष्ट्रीय कार्यकारिणी महिला मोर्चा की सदस्य रश्मि सिंह की अगुवाई में अमेठी कस्बे में स्थित अमेठी पब्लिक स्कूल में रूस से आए हुए कृषि वैज्ञानिक एलेग्जेंडर यूक और स्मार्ट ग्रीन लाइन के सीईओ यूरी एक्सपर्ट ओलगा अमेठी पहुंचे। रूसी वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ बैठक कर बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए भूमिका उपजाऊ होना जरूरी है।

उसरीली और छारीय भूमि को प्राकृतिक और जैविक खाद का प्रयोग कर उपजाऊ बनाया जा सकता है ।वर्ष में एक बार इसका प्रयोग कर भूमि को उपजाऊ बना कर अच्छी उपज पाई जा सकती है ।लगातार रासायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग से उपजाऊ भूमि की उर्वरता कम होती जा रही है। यह तकनीकी छारीय भूमि को कृषि योग्य बनाने के लिए साढे 8 से साढे नौ पीएच तक उपचार और सुधार करती है।

इसमें प्रति हेक्टेयर प्राकृतिक सल्फर 30 किलोग्राम फास्को जिप्सम डेढ़ मीट्रिक टन, ग्लूकोनाइट 1 मीट्रिक टन, चिकन लिटर 2 मीट्रिक टन का प्रयोग किया जाता है। मात्रा जरूरत के अनुसार 50 से 100% तक बढ़ाई जा सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार 10 से 15 दिनों के उपचार के बाद उस अरीली भूमि कृषि योग्य हो जाती है। उपचार के दौरान खेतों में आवश्यकता के अनुसार पानी होना चाहिए ।

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इसके लगातार प्रयोग से भूमि में समाप्त हुए जीवाश्म फिर से जीवित हो जाते हैं। रूसे आई हुई ग्रीन सेंड मिट्टी को वैज्ञानिकों ने दिखाया और बताया कि यह इतनी साफ जगह से लाई जाती है कि इसको कोई व्यक्ति खा सकता है इसके कोई दुष्प्रभाव नहीं होते हैं इसमें उप जाई गई फसल अकार्बनिक होती है। वहीं पर रश्मि सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है।जिसके तहत अमेठी के किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए इन वैज्ञानिकों को लेकर मैं अपनी अमेठी में आई हूं।

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