युवी का छलका दर्द, कहा- ‘अगले जन्म में है ये मुमकिन’

टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाजों में शामिल रहे पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह का सालों से सीने में छिपा दर्द एक बार छलक उठा है। और उन्होंने उस समय के मैनेजमेंट पर अपना गुस्सा उतारा है। युवराज का कहना है कि उस समय उनकी अनदेखी की गयी और उन्हें टेस्ट मैच खेलने के ज्यादा अवसर नहीं मिले। याद दिला दे कि जहां युवराज ने अपने करियर मे 304 वनडे मुकाबले खेले, तो वहीं वह सिर्फ 40 ही टेस्ट मैच खेल सके।

एक वेबसाइट ने फॉलोअर्स से यह सवाल किया था कि आपके हिसाब से किस खिलाड़ी को ज्यादा टेस्ट मैच खेलन चाहिए थें, जिसपर ज्यादातर ने युवराज सिंह का नाम लिया। इस पर युवी ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “संभवत: अगले जीवन में! जब मैं सात साल तक 12वां खिलाड़ी बना रहा।” युवराज का वनडे में औसत 36.55 का रहा और हकीकत यह है कि यह औसत भी उनकी काबिलियत से मेल नहीं खाता।

आक्रमक बल्लेबाज़ी करने वाले युवी ने इन टेस्ट मैचों में 33.92 के औसत से 1900 रन बनाए। इसमें उन्होंने 3 शतक और 11 अर्द्धशतक बननाए। हालांकि, युवराज ने अपनी शुरुआती तीन पारियों में पाकिस्तान के खिलाफ 59 और 112 की पारियां खेलकर शुरुआत बहुत ही बेहतरीन की थी। चौथी पारी में भी उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ 47 रन बनाए, लेकिन इसके बाद से युवी के बल्ले की धार कम होती गयी। टीम में एक जगह के लिए मुकाबला भी बहुत ही ज्यादा कड़ा होता है। ऐसे में युवी अंदर-बाहर होते रहे और उनके कॉन्फिडेंस पर इसका असर पड़ा।

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