युवाओं में हार्ट की बीमारी के लिए जेनेटिक्स से ज्यादा खराब लाइफस्टाइल है जिम्मेदार

रिसर्च के परिणाम से साफ है कि लाइफस्टाइल में सुधार करके हृदय रोग से बचा जा सकता है। इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने हार्ट की बीमारी से संबंधित लाइफस्टाइल फैक्टर्स पर स्टडी की। इस स्टडी के एक रिसर्चर ने कहा कि हृदय रोग में जेनेटिक्स और फैमिली हिस्ट्री महत्वपूर्ण है लेकिन इसे बहाने की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

युवाओं में हार्ट की बीमारी के लिए जेनेटिक्स से ज्यादा खराब लाइफस्टाइल है जिम्मेदार

खराबलाइफस्टाइल से सेहत को नुकसान होता है यह तो आप अकसर ही सुनते हैं। इसके बावजूद इसे सुधारने पर कोई ध्यान नहीं देता है। इसका महत्व लोग तब समझते हैं जब किसी बड़ी बीमारी का शिकार हो जाते हैं। कम उम्र में होने वाली दिल की बीमारी का कारण भी जीन्स से ज्यादा खराब लाइफस्टाइल ही है। यह बात एक रिसर्च में साबित हो गई है।

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रिसर्चर्स का कहना है कि इस रिसर्च के परिणाम से साफ है कि लाइफस्टाइल में सुधार करके हृदय रोग से बचा जा सकता है। इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने हार्ट की बीमारी से संबंधित लाइफस्टाइल फैक्टर्स पर स्टडी की। इनमें फिजिकल ऐक्टिविटी, स्मोकिंग, हाई ब्लड प्रेशर, डायबीटीज और कलेस्ट्रॉल पर स्टजी की गई। दिल के मरीजों में 73 प्रतिशत लोगों में इनमें से कम से कम 3 लाइफस्टाइल फैक्टर्स भी थे।

इस स्टडी के एक रिसर्चर डॉ. जोआओ सूजा ने कहा कि हृदय रोग में जेनेटिक्स और फैमिली हिस्ट्री महत्वपूर्ण है लेकिन इसे बहाने की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं में हार्ट की बीमारी होने पर अकसर वे फैमिली हिस्ट्री का बहाना देकर अपनी सफाई देते हैं। जब इस स्टडी से मिले डेटा को देखा गया तो ज्यादातर युवा जो हार्ट की बीमारी का शिकार हुए उनमें स्मोकिंग की लत, फिजिकल ऐक्टिविटी न करना, हाई ब्लड प्रेशरस हाई कलेस्ट्रॉल जैसी समस्या थी। जोआओ ने कहा कि इन सभी चीजों को लाइफस्टाइल बदलकर सुधारा जा सकता है।

सबसे अच्छी एक्सर्साइज है वॉकिंग

जब बात एक्सर्साइज की आती है तो उसमें वॉकिंग सबसे अच्छी और आसान एक्सर्साइज है वॉकिंग यानी चलना। एक तो यह फ्री है, इसके लिए आपको किसी तरह के साजो-समान या पार्टनर की जरूरत नहीं होती और इसे आप दिन या रात किसी भी समय कर सकते हैं। कई स्टडीज में यह बात साबित भी हो चुकी है कि वॉक करना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है….

अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं तो हफ्ते में 5 दिन और हर दिन 45 मिनट की वॉक जरूर करें। वॉक करने से कैंसर, हार्ट डिजीज और डायबीटीज जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना कम हो जाता है। साथ ही वॉक करने से आपको नींद भी अच्छी आती है। हालांकि सोने से ठीक पहले बहुत ज्यादा वॉक करना सही नहीं माना जाता।

वॉकिंग, बीपी कंट्रोल में रखने में भी मदद करता है। वॉक करने से न सिर्फ आपका वजन कंट्रोल में रहता है बल्कि हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मदद मिलती है। वॉक करने से आपका एनर्जी लेवल बेहतर बनता है, आप ऐक्टिव बने रहते हैं और लंबे समय में आपको जल्दी थकान महसूस नहीं होती है।

कई स्टडीज में यह बात भी सामने आयी है कि हमें हर दिन कम से कम 10 हजार कदम जरूर चलना चाहिए और आप चाहें तो ऐसे कई ऐप्स भी हैं तो आपके इन कदमों का रेकॉर्ड रखने में आपकी मदद कर सकते हैं। हालांकि दुनियाभर के लोगों का हर दिन चलने का औसत सिर्फ 5 हजार कदम ही है।

इसके लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक रिसर्च भी हुई थी जिसमें यह बात सामने आयी कि हर दिन 2 हजार कदम एक्सट्रा चलने से दिल से जुड़ी बीमारियों होने का खतरा 10 प्रतिशत कम हो जाता है और डायबीटीज का खतरा 5.5 प्रतिशत तक कम हो जाता है। साथ ही हर दिन 1 हजार कदम एकस्ट्रा चलने से मौत का खतरा भी 6 प्रतिशत घट जाता है।

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जापान के लोग दुनिया में सबसे ज्यादा ऐक्टिव माने जाते हैं कि क्योंकि वे हर दिन 10 हजार 241 कदम चलते हैं। ऐसे में अगर आप हर दिन 10 हजार कदम नहीं चल सकते तो कम से कम 7 हजार 500 कदम जरूर चलें क्योंकि चलना सेहत के लिए बेहद जरूरी है।

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