लंदन। बीते साल फेसबुक यूजर्स का निजी डाटा लीक होने की खबर ने पूरी दुनिया में हडकंप मचा दिया था। खबर थी कि लंदन की पॉलिटिकल कंसल्टेंसी फर्म कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा करीब 8.7 करोड़ यूजर्स का डाटा चोरी किया गया।
इस संबंध में फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने उस दौरान इस बात की जानकारी ना होने की बात कही थी। साथ ही इस बाबत सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी थी। लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक़ इस बात का खुलासा हुआ है कि फेसबुक को कैंब्रिज एनालिटिका द्वारा यूजर्स का डाटा चोरी होने की पूरी जानकारी थी। कंपनी ने जानबूझ कर इस बात को दबाए रखा था।
वहीं फेसबुक के इस डाटा लीक मामले की जांच कर रही फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) ने कहा था कि फेसबुक ने 2011 में तैयार हुए सेफगार्ड यूजर्स प्राइवेसी के नियमों का उल्लंघन किया है।
खबरों के मुताबिक़ ब्रिटिश अखबार ऑब्जर्वर की रिपोर्ट में कहा गया है कि फेसबुक को इसकी पूरी जानकारी थी और कैंब्रिज एनालिटिका को लेकर फेसबुक के अधिकारियों के बीच कई बार बैठक भी हुई थी। यह बैठक फेसबुक के बोर्ड मेंबर मार्क आंद्रेसीन और कैंब्रिज एनालिटिका के अधिकारी क्रिस्टोफर वाइली के बीच हुई थी।
रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि इस बैठक में इस बात पर चर्चा हुई थी कि कैंब्रिज एनालिटिका फेसबुक के यूजर्स के डाटा का किस तरह और कैसे इस्तेमाल करेगी। इस रिपोर्ट के बाद अमेरिकी रेगुलेटर्स ने इस मामले की फिर से जांच शुरू की है।
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यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका के अधिकारियों के बीच बैठक 2016 में हुई थी और उसी दौरान कैंब्रिज ने अमेरिका में राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने के लिए चुनाव प्रचार का काम किया था। इस एजेंसी पर अमेरिकी चुनाव में डोनाल्ड के पक्ष में माहौल बनाने का आरोप है।