यहां स्वयं विराजमान हैं भगवान शिव, लेकिन इस जगह तक पहुंचने वाला…

लखनऊः भारत में ऐसी कई जगहें हैं जहां भगवान के होने के कई सक्ष्य मिलते हैं। कई जगहों पर तरह तरह के चमत्कार भी देखने को मिले हैं। ऐसी ही जगह है जम्मू से कुछ दूरी पर स्थित है रयासी जिला।

इस जिले में भगवान शिव का घर कही जानेवाली ‘शिव खोड़ी’ गुफा स्थित है। यह भगवान शिव के प्रमुख पूजनीय स्थलों में से एक है। इस गुफा के बारे में कहा जाता है कि इस गुफा में भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं और इस गुफा का दूसरा छोर अमरनाथ गुफा में खुलता है।

यहां 4 फीट ऊंचा शिवलिंग विराजित है। शिवलिंग के ऊपर प्राकृतिक तौर पर पवित्र जल की धारा गिरती रहती हैं। इसी जगह पर पिण्डियों के रुप में माता पार्वती, पुत्र गणेश और कार्तिकेय भी विराजमान है। स्थानीय लोगों के मानें तो जो कोई शिवलिंग और पिण्डियों के दर्शन करके आगे की ओर बढ़ता है, वह कभी लौटकर नहीं आता।

पौराणिक कथा की मानें तो ऐसी मान्यता है कि भस्मासुर ने घोर तप कर भगवान शिव को प्रसन्न किया। उसने शिवजी से वर मांगा कि वह जिस किसी के सिर पर भी हाथ रख दे, वह भस्म हो जाए। शिवजी ने जैसे ही उसे वरदान दिया, वह राक्षस शिवजी को भस्म करने के लिए दौड़ पड़ा।

भस्मासुर से बचने के लिए शिवजी को उससे युद्ध करना पड़ा। रणसु या रनसु वही जगह है, जहां भगवान शिव और भस्मासुर के बीच युद्ध छिड़ा। इस रण (युद्ध) के कारण ही इस क्षेत्र का नाम रणसु पड़ा। युद्ध के दौरान भस्मासुर हार मानने को तैयार नहीं था और शिवजी उसे मार नहीं सकते थे, क्योंकि खुद उन्होंने ही भस्मासुर को अभय का वरदान दिया था। लेकिन एक चाल चल कर शिव जी ने उसका ही हाथ उसके सिर पर रखवा दिया और जिससे वो खुद ही भस्म हो गया था.

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भस्मासुर से पीछा छुड़ाने के लिए भगवान शिव ऐसी जगह की तलाश करने लगे जहां भस्मासुर उन्हें ढूंढ न पाए। तब शिवजी ने पहाड़ों के बीच एक गुफा बनाई और उसमें छिपे। खुद शिवजी ने ही जिस गुफा का निर्माण किया, वह शिव खोड़ी गुफा कहलाती है।

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