मौत के 80 साल बाद भी जिंदा है ये बौद्ध भिक्षु, जानें कैसे हुआ ये चमत्कार…

मॉस्को के बुरतिया से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद आपके पैरों के नीचे से जमीन खिसक जाएगी।

1927 में यहां एक बौद्ध भिक्षु की मौत हो गई थी, लेकिन मृत्यु को प्राप्त होने से पहले दाशी दोरजो इतिजेलोव नाम के इन भिक्षु ने अपने अनुयायियों के लिए एक छोटा-सा नोट लिख कर गए थे।

इस नोट में बौद्ध भिक्षु ने कब्र से अपनी लाश को बाहर निकालने की तारीख लिखी थी। भिक्षु ने नोट में लिखा था कि उनकी डेड बॉडी को 1955 में कब्र से बाहर निकाला जाए।

80 साल बाद भी जिंदा है ये बौद्ध भिक्षु

अपने लीडर के आदेशों के अनुसार उनके अनुयायियों ने दाशी दोरजो इतिजेलोव की मौत के 55 साल बाद 1955 में उनके कब्र को खोल दिया। लेकिन उन्हें ऐसा नज़ारा दिखा कि उनके होश ही उड़ गए।

मौत के 55 साल बाद भी भिक्षु का मृत शरीर एकदम ठीक था, जबकि इतने समय में तो इंसान का कंकाल ही बचता है। इतना ही नहीं 1955 के बाद भिक्षु के शव को 1973 और फिर 2002 में भी निकाला गया।

वैज्ञानिकों के लिए यह एक बड़ी पहेली बन गई है कि मौत के 80 साल बाद भी दाशी दोरजो इतिजेलोव का मृत शरीर एक दम ठीक है। रूस के इन बौद्ध भिक्षु का शव आज भी ऐसा है, मानो जैसे उनकी मौत को अभी महज़ 36 घंटे ही हुए हैं।

इतना कुछ देखने के बाद शव की स्टडी के लिए साइंटिस्ट्स खुद बुरतिया आ पहुंचे। वे भी दाशी के शव को देखने के बाद हैरान थे।

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डेड बॉडी देखने के बाद वैज्ञानिकों के भी ‘सिर में तेज़ दर्द’ होने लगा। वैज्ञानिकों ने कहा कि भिक्षु की बॉडी मौत के 80 साल बाद भी एकदम ठीक है, जिसे देखकर ऐसा लग रहा है कि इसे काफी अच्छी तरह से प्रिजर्व करके रखा गया होगा।

हालांकि बॉडी के साथ ऐसा कुछ नहीं किया गया था। अनुयायियों ने अपने लीडर की बॉडी को सामान्य तरीके से ही दफनाया था। आप ये बात मानने के लिए तैयार नहीं होंगे कि 80 साल पहले मर चुके भिक्षु की त्वचा, बाल, नाखून जैसे अंग अभी भी एक सामान्य इंसान की तरह ही हैं।

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