‘मोदी को जाना ही होगा जेल, सीबीआई जांच में होगा दूध का दूध और पानी का पानी’

मोदी को जेलनई दिल्ली। बिहार पर राज करने वाले किंगमेकर लालू प्रसाद यादव सत्ता के हाथ से चले जाने पर छटपटा से गए हैं। महागठबंधन में सेंध लगाने और बेनामी संपत्ति को लेकर जो विवाद पैदा हुआ उसका बदला लेने की वे पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसलिए उन्होंने उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को जेल भेजने के लिए भागलपुर में सरकारी राशि के घोटाला मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। इसके लिए उन्होंने नीतीश कुमार को रविवार तक का समय दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने आरोपों में नीतीश कुमार को भी सुशील मोदी के साथ समान सहभागी बताया है।

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लालू यादव का कहना है कि एक करोड़ के इस घोटाले में नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की समान सहभागिता है क्योंकि इसकी शुरूआत 2005 में हुई थी। उस वक्त इनकी जोड़ी ने बिहार की कमान संभाल रखी थी।

फिलहाल लालू यादव के निशाने पर सुशील कुमार मोदी हैं क्योंकि उन्होंने ही लालू परिवार पर बेनामी सम्पति का खुलासा कर जेडीयू और आरजेडी के गठबंधन को तुड़वाने का काम किया था।

अपने मामले में सीबीआई को तोता कहने वाले लालू प्रसाद यादव को इस मामले में सीबीआई की जांच पर ही भरोसा है।

लालू प्रसाद यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में 9 अगस्त को भ्रष्टाचार भारत छोडों का नारा दिया था, ऐसे में अब वह तय करें कि बिहार के भागलपुर में सुशील मोदी के वित्त मंत्री रहते जो इतना बड़ा घोटाला हुआ है उसके बाद उन्हें पद पर रहने का क्या हक है।

लालू यादव ने आरोप लगाया कि चेक बाउंस होने के बाद नीतीश कुमार ने आनन-फानन में भेद खुलने के डर से जांच अपने चेहते अफसरों से कराकर प्रारंभिक रिपोर्ट दे दी।

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उन्होंने सवालिया निशान लगाते हुए कहा, “इस मामले में कुछ छोटी-छोटी मछलियों को पकड़ा गया, लेकिन बड़ी मछलियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

सृजन नामक संस्था की महिला मनोरमा देवी के साथ नीतीश कुमार, सुशील मोदी, गिरिराज सिंह, शाहनवाज हुसैन और मनोज तिवारी के अलावा कई बड़े अधिकारियों की तस्वीरें हैं, उन पर क्या कार्रवाई हुई।”

उन्होंने कहा कि अगर इस घोटाले को नीतीश कुमार का संरक्षण नहीं है तो वह सीबीआई से इसकी जांच कराएं।

इतना ही नहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने कहा कि सुशील मोदी चादर ओढ कर घी पी रहा है। उनका मानना है कि इसमें बीजेपी और जेडीयू के बड़े-बड़े नेता भी शामिल हैं।

लालू प्रसाद यादव ने सरकार के वित्त विभाग की नियमावली के नियम 6 का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट प्रावधान है कि बगैर वित्त विभाग की सहमति के कोषागार से पीएल एकाउंट अर्थात सरकारी खजाने से निकाली गई राशियों को बैंक में जमा नहीं किया जा सकता है।

लालू प्रसाद ने यह भी कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार 2013 में रिजर्व बैंक ने इसकी जांच के लिए सरकार को लिखा तो उस समय क्यों नहीं कार्रवाई हुई।

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