
भगवान हनुमान का एक ऐसा मंदिर है जहां लाखों भक्त दर्शन करने के लिए आते हैं लेकिन यहां का प्रसाद खाना बिल्कुल मना होता है। यहां हम मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की बात कर रहे हैं। मेहंदीपुर बालाजी हनुमाजी के भक्तों के लिए एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। राजस्थान के दौसा जिले के पास दो पहाड़ियों के बीच मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर स्थित है। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि यहां हर रोज बड़ी संख्या में भूत प्रेत जैसी बाधाओं से निवारण पाने के लिए लोग पहुंचते हैं।
विज्ञान भूत-प्रेतों को नहीं मानता है लेकिन यहां हर दिन कोसो दूर से भी प्रेत बाधा से परेशान लोग मुक्ति के लिए आते हैं। इस मंदिर में प्रेतराज सरकार और भैरवबाबा यानी की कोतवाल कप्तान की मूर्ति भी है। हर दिन 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन होता है जिसमें लोगों पर आए ऊपरी सायों को दूर किया जाता है। इस मंदिर के कुछ नियम हैं जिन्हें दर्शन करते टाइम याद रखना जरूरी होता है।
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तो चलिए जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी के मंदिर में दर्शन से जुड़े कुछ नियम:
- मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के किसी भी तरह के प्रसाद को आप खा नहीं सकती हैं और ना ही किसी को दे सकती हैं। यहां तक कि यहां के प्रसाद को आप घर पर भी नहीं लेकर जा सकती हैं। यहां तक कि कोई भी खाने-पीने की चीज और सुंगधित चीज आप यहां से घर नहीं लेकर जा सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने पर ऊपरी बाधाएं आपके ऊपर आ जाती हैं इसलिए दर्शन करते टाइम भक्त इन नियम को जरूर याद रखते हैं।
- यहां आरती करते टाइम पीछे मुड़कर नहीं देखना होता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से कोई आत्मा आपके पीछे-पीछे चल देती है।
- मेहंदीपुर बालाजी की मूर्ति के ठीक सामने भगवान राम-सीता की मूर्ती है जिसके वह हमेशा दर्शन करते हैं। यहां हनुमानजी बाल रूप में मौजूद है। यहां आने वाले सभी यात्रियों के लिए नियम है कि उन्हें यहां आने से पहले प्याज, लहसुन, अण्डा, मांस, शराब का सेवन बंद कर देना होता है।
ऐसे पहुंचे मेंहदीपुर बालाजी
अगर आप दिल्ली-एनसीआर से ट्रेन के द्वारा मेहंदीपुर बालाजी जाना चाहती हैं तो यहां से मेंहदीपुर के लिए कोई डायरेक्ट ट्रेन नहीं है। मेंहदीपुर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बांदीकुई है जिसकी मेंहदीपुर से दूरी 36 किलोमीटर है। अगर आप अपनी फैमली के साथ यहां दर्शन के लिए जाना चाहती हैं तो आप कार से मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के लिए जाएं जिसके लिए आप एनएच 352, ताज एक्सप्रेस हाइवे या यमुना एक्सप्रेस हाइवे से भी जा सकती हैं।
Note: ऊपर बताए गए सभी नियम सालों से इस मंदिर में दर्शन करने से पहले और दर्शन करते टाइम फॉलो किए जा रहे हैं। ये नियम कहीं लिखित में नहीं हैं लेकिन भक्तों द्वारा शुरू से ही इन नियमों का पालन किया जा रहा है।