मुलायम बोले, ‘पढ़ने की आदत डालें, भले ही उपन्यास क्यों न हो

मुलायमलखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि राजनीति में आगे बढ़ने के लिए पढ़ना-लिखना और बोलना जरूरी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं, खासतौर से युवाओं से कहा कि पढ़ने की आदत जरूर डालें, भले ही उपन्यास क्यों न पढ़ें।

मुलायम बुधवार को सपा महासचिव रामगोपाल यादव के जन्मदिन पर उनकी पुस्तक ‘संसद में मेरी बात’ के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। डॉ. राम मनोहर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के खचाखच भरे ऑडिटोरियम में मुलायम ने केक काटने के साथ ही रामगोपाल को जन्मदिन की बधाई और आशीर्वाद दिया।

मुलायम ने रामगोपाल के जन्‍मदिन पर किया पुस्‍तक का विमोचन

उन्होंने कहा, इस पुस्तक के जरिये रामगोपाल ने देश की बात कही है। यदि राजनीति करने वाले इसे पढ़ लें तो किसी भी विषय पर भाषण दे सकते हैं। समाजवादी केवल समस्या नहीं उठाते, उनका समाधान भी बताते हैं। बेरोजगारी का मुद्दा उठाया तो बताया कि यह कैसे दूर होगी। जेनएयू की घटना हुई तो हमने लोकसभा में कहा कि समाधान पर बोलिए। अरुण जेटली ने हमें धन्यवाद दिया।

मुलायम बोले, सपा महिलाओं, नौजवानों, छात्रों, गरीबों, किसानों सभी की समस्या उठाती है। रामगोपाल संसद में बहस को गंभीरता से सुनते हैं, देश की समस्याओं पर संक्षिप्त लेकिन सारगर्भित बोलते हैं। यह बात राज्यसभा के उपसभापति ने एक कार्यक्रम में कही थी।

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने कहा, रामगोपाल की प्रतिबद्धता पार्टी और अनुशासन के प्रति रहती है। वे कम बोलते हैं, ज्यादा सुनते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि संसद में रामगोपाल के भाषण युवाओं के लिए अनुकरणीय होंगे। वरिष्ठ पत्रकार हरिशंकर व्यास ने कहा कि रामगोपाल ने लीक से हटकर राजनीति की है।

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि सेकुलर और सोशलिस्ट ही देश को रास्ता दिखा सकते हैं।  राज्यसभा, लोकसभा में पार्टी का पक्ष क्या हो, इसके लिए रामगोपाल यादव की किताब समाजवादी ग्रंथ का काम करेगी। चुनाव के साल में इस किताब के आने से अपनी बात अच्छी तरह जनता में रखने का मौका मिलेगा।

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