
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर प्रदेश में जनसंख्या नीति 2021-30 का ऐलान कर दिया। सीएम योगी ने पूरी दुनिया में बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी विकास की राह में बाधक हो सकती है। पिछले चार दशकों में इसे लेकर काफी चर्चा हुई। जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूकता जरूरी है। सबसे पहला कार्य जागरूकता का है। इसी से लक्ष्य हासिल होगा। यूपी में जारी नीति समस्या का समाधान करेगी। इसमें हर तबके का ध्यान रखा गया है।

सीएम योगी ने कहा कि जहां जनसंखया नीति लागू वहां अच्छे परिणाम दिखे। जनसंखया नियंत्रण का मकसद प्रदेश में खुशहाली लानी है। नई जनसंख्या नीति में हर वर्ग का ध्यना रखा गया है। आबादी के हिसाब से यूपी सबसे बड़ा राज्य है।
सीएम योगी ने कहा कि दो बच्चों के बीच उचित अंतराल नहीं होगा तो उसके पोषण पर असर पड़ेगा। यूपी में प्रजनन दर घटाने की जरूरत है। हर तबके को इसके साथ जोड़ना पड़ेगा, तभी यह सफल हो पाएगा। समाज को जागरूक करने की कोशिश होगी।
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर सीएम आवास पर आयोजित हुए कार्यक्रम के दौरान सीएम ने जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े का उद्घाटन किया। योगी ने कहा कि गरीबी का एक बड़ा कारण जनसंख्या भी है। उन्होंने कहा कि नई जनसंख्या नीति में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। सीएम ने कहा कि हमें देश की बढ़ती आबादी को लेकर सोचना होगा।
क्या हैं नयी जनसँख्या नीति
नई जनसंख्या नीति के तहत वर्ष 2021-30 की अवधि के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाएगा और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी। वहीं, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता/बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या में स्थिरता लाने के प्रयास भी किए जाएंगे। नवीन नीति में एक अहम प्रस्ताव 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है।

गरीबी और अशिक्षा को बताया कारण
इससे पहले गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, आबादी विस्तार के लिए गरीबी और अशिक्षा बड़ा कारण है। इसी वजह से समुदाय में भी जनसंख्या को लेकर जागरूकता का अभाव है। ऐसे में केंद्रित जागरूकता प्रयास की जरूरत है। प्रदेश की निवर्तमान जनसंख्या नीति 2000-16 की अवधि समाप्त हो चुकी है।
प्रमोशन और वेतन में बढ़ाव
उत्तर प्रदेश सरकार उन कर्मचारियों को पदोन्नति (प्रमोशन), वेतन वृद्धि (इनक्रीमेंट), आवास योजनाओं में रियायतें और अन्य भत्ते देगी जो जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का पालन करेंगे या जिनके दो या उससे कम बच्चे हैं। दो संतानों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता अंशदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि मिलेगी।
स्कूलों में डिजिटल हेल्थ केयर मशीन
इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने स्कूलों में हेल्थ क्लब बनाए जाने के निर्देश भी दिए। साथ ही, डिजिटल हेल्थ मिशन की भावनाओं के अनुरूप नवजातों, किशोरों और वृद्धजनों की डिजिटल ट्रैकिंग की व्यवस्था के भी कहा। उन्होंने कहा, नई नीति तैयार करते हुए सभी समुदायों में जनसांख्यकीय संतुलन बनाए रखने, उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं की सहज उपलब्धता, समुचित पोषण के माध्यम से मातृ-शिशु मृत्यु दर को न्यूनतम स्तर तक लाने का प्रयास होना चाहिए।

20 साल तक मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं
जो लोग सरकारी कर्मचारी नहीं हैं और जनसंख्या को नियंत्रित करने में योगदान देते हैं, उन्हें पानी, आवास, गृह ऋण आदि करों में छूट जैसे लाभ मिलेंगे। यदि किसी बच्चे के माता-पिता या कोई एक नसबंदी का विकल्प चुनता है तो उन्हें 20 साल की उम्र तक मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी।
नव विवाहितों के लिए ‘शगुन किट’
सीएम योगी सीएचसी/पीएचसी एप की भी शुरुआत करेंगे। इस दौरान नव विवाहितों में परिवार नियोजन के साधनों को प्रोत्साहित करने के लिए ‘शगुन किट’ दी जाएगी। इस कार्यक्रम में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अतुल गर्ग भी शामिल होंगे।