मिसाल: ट्रक चलाकर पिता ने बेटे को पढ़ाया, बेटे ने NEET क्वालीफाई कर दिया पिता को तोहफा !

जैसलमेर जिले के पोखरण तहसील के धौलिया गांव में रहने वाले अभिषेक अब अपने इलाके के पहले डॉक्टर बनने जा रहे हैं.

रात दिन ट्रक की स्टीयरिंग साधने वाले ड्राइवर पिता के इस बेटे ने उनका सपना सच कर दिया है. जानें पढ़ाई का क्या अलग तरीका अभिषेक ने अपनाया.

अभिषेक ने नीट-2019 में 612 अंक प्राप्त किए हैं, उनका जनरल कैटेगिरी में आल इंडिया रैंक 5305 है. अभिषेक धौलिया अब अपने आसपास के गांव के पहले डॉक्टर बनने जा रहे हैं. पूरे इलाके में उनकी तैयारी, मेहनत और ट्रक ड्राइवर पिता की कड़ी तपस्या की चर्चा हो रही है.

अभिषेक ने बताया कि उनका परिवार मोहनगढ़ में रहता है. करीब 300 घरों के उनके गांव की आबादी 1000 है. परिवार में माता-पिता और हम दो भाई हैं.

 

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पापा जगदीश विश्नोई आठवीं पास हैं और ट्रक चलाते हैं. ट्रक ताऊजी का है और वो ड्राइवर के रूप में नौकरी करते हैं. मां पुष्पा देवी निरक्षर हैं, गृहिणी हैं. छोटे भाई सुमित ने इस वर्ष 12वीं उत्तीर्ण की है.

गरीब परिवार से होने के चलते सरकार ने बॉर्डर पर जमीन दी हुई है. मोहनगढ़ क्षेत्र की यह जमीन गांव से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर है.

एक सीजन में ही यहां खेती हो पाती है. यही नहीं सर्दी में पानी नहीं होने के कारण खेती नहीं होती. खेती के दौरान वहीं रहना पड़ता है. इन कड़े हालातों में उन्होंने तैयारी की.

अभिषेक ने कहा कि नीट में चयन के बाद उन्होंने तय किया है कि वो आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर में एडमिशन लेंगे. उन्होंने कहा कि यहां से एमबीबीएस खत्म करने के बाद वो टीचर बनना चाहेंगे.

उन्हें इसकी प्रेरणा एलन कोचिंग में तैयारी कराने वाले अपने टीचर्स से मिली है. वो भी अब बच्चों को पढ़ाकर भविष्य संवारना चाहते हैं.

अभिषेक ने कहा कि गांवों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन सही मार्गदर्शन व काउंसलिंग न मिल पाने के  चलते वे सफल नहीं हो पाते.

वो कहते हैं कि गांव के बच्चों के पास आज भी पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं है. शायद यही वजह है कि गांव के बच्चों की प्रतिभा बहुत मुश्कि‍ल से सामने आ पाती है.

उनके सामने कॅरियर के ज्यादा विकल्प न होने के चलते मजबूरन उन्हें अपना पेट पालने के लिए अलग विकल्प चुनने होते हैं. वो ऐसे बच्चों के लिए कुछ करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें अपने चाचा का मार्गदर्शन मिला था, इसलिए वो कोचिंग करने गए.

 

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