मिसाल : एक आँख से दिखाई नहीं देता था, फिर भी बना JEE Advanced परीक्षा में OBC कैटेगरी का टॉपर !

जिंदगी में तमाम तरीके की मुश्किलें आती है, लेकिन अगर जीने की इच्छा और कुछ कर दिखाने का जुनून सर पर सवार हो तो दुनिया की कोई ताकत उस इंसान को नहीं रोक सकती.

आज हम एक ऐसे ही छात्र के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे एक आंख से दिखाई नहीं देता है. बावजूद इसके उसने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई एडवांस) की OBC-NCL-PWD कैटेगरी में पहला स्थान हासिल किया है. आइए जानते हैं इस छात्र के बारे में.

वेदांत को जन्म के समय से ही दाईं आंख में माइक्रोप्थेल्मिया (micropthalmia) था. जिसकी वजह से उसे सिर्फ एक आंख से दिखाई देता है.

वेदांत के पिता ने बताया कि “जिस दिन वह पैदा हुआ था, तब से उसने बहुत संघर्ष किया है”. अपनी दूसरी आंख की बदौलत ही उसने परीक्षा पास की.

वेदांत की मां हाउस वाइफ हैं. अपने बेटे की पढ़ाई के खातिर उन्होंने तीन साल पहले लेक्चरर के पद से नौकरी छोड़ दी थी.

 

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उनके पिता ने कहा कि परिवार को उम्मीद थी कि वेदांत अच्छा स्कोर करेंगे. उन्होंने 10वीं कक्षा की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 98.2 प्रतिशत और एचएससी परीक्षा में 91.84 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जेईई-मेन में वेदांत ने अपनी कैटेगरी में तीसरी रैंक हासिल करते हुए 99.2 पर्सेंटाइल हासिल किए हैं.

वह आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं. बता दें, ऑल इंडिया में उनकी कॉमन रैंक लिस्ट 2,958 है.

अपनी पढ़ाई के बाद, उसे कई बार आंखें बंद करके बैठना पड़ता था क्योंकि लंबे समय आंखे खोले रहने पर उसे दर्द होता था. वेदांत के पिता ने बताया कि आंखों को राहत देने के लिए हम रात को उसकी आंखों को गीले कपड़े से ढंक देते थे थे.

शिवाजी साइंस कॉलेज के छात्र वेदांत हमेशा एक स्मार्ट स्टूडेंट रहे हैं. उनके पिता ने कहा “हम वेदांत को बताते हैं कि उसकी कम से कम एक आंख है.

वह पढ़, देख और सुन सकता है. जीवन में कई दिक्कतें आती है जिसका डटकर सामना करना चाहिए. उन्होंने कहा मेरा बेटा सोशल मीडिया का इस्तेमाल संयम से करता है और उसके कम ही दोस्त हैं. वह अपनी पढ़ाई और करियर को लेकर काफी सीरियस है.

 

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