मिट जाएगा आतंक का नामोनिशान, ब्लू प्रिंट तैयार, कश्‍मीर में गूंजेगा सिर्फ वंदे मातरम!

आतंक का दर्दनई दिल्‍ली। तीन दशकों से आतंक का दर्द झेल रही कश्‍मीर की वादियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमन के फूल खिलाने का मन बना लिया है। पीएम मोदी के इस बुलेट-प्रूफ प्‍लान में रॅा और सेना की खुफिया विंग मिलकर कश्मीर में आतंकवाद के खात्‍मे में मुख्‍य भूमिका निभाएंगे।

मोदी के इस खास प्‍लान को नाम दिया गया है, मिशन 2017 इस प्लान को कई चरणों और चक्रों बांटा गया है। इसके सबसे पहले चक्र हिलिंग टच को अधिक प्रभावित बनाया जाएगा, जिसका मूलमंत्र होगा आ अब लौट चलें फिर बहार की ओर। इस प्लान में सेना और खुफियां एजेंसी की कोशिश होगी कि घाटी के जो नौजवान भटककर आतंक की राह पर चले गए हैं उनकों एक और आखिरी मौका दिया जाए।

इसके लिए एजेंसियां इन आतंकियों के परिजनों दोस्तों और अध्यापकों आदि की भी मदद ले रही है। ताकि स्थानीय आतंकियों को आत्मसमर्पण के लिए तैयार कर, उनको वापस मुख्यधारा में लाकर आतंकवादियों की संख्या में कमी लाई जाए।

मालूम हो कि पाकिस्‍तान में बैठे आतंकी सरगनाओं की यह कोशिश रहती है कि कश्मीर के अधिक अधिक से युवा उनके संगठन में शामिल होकर देश विरोधी जिहाद में शामिल हो जाए।

जब कि दूसरी ओर खुफियां एजेंसियों का पूरा प्रयास इस बात को लेकर वर्ष 2017 में घाटी को आतंकवाद से मुक्त रखा जाए।

इसके लिए एक ओर जहां आतंकवाद की राह पर जा चुके स्थानीय नौजवानों को वापस लाने के लिए सेना और पुलिस हिलिंग टच का सहारा लेगी तो वहीं दूसरी ओर देश को ललकारने वालों और विदेशी आतंकियों को जरूरत पड़ने पर उन्‍हीं की भाषा में जवाब देने की भी पूरी तैयारी की जाएगी।

यह एजेंसिया स्थानीय युवकों को आतंक से वापस मुख्यधारा में लाने के लिए मौज छय नाद दिवान यानी मां बुला रही है जैसे भावनात्मक गीतों का सहारा लेगी। कश्मीरी भाषा में इन भावनात्मक गीतों के जरिए गानों में उन माताओं की वेदना को बताया जाएगा जो अपने बेटों का गम झेल रही है।घाटी के बहुत से नौजवानों ने पाकिस्तान के बिछायें जाल में फंसकर आतंक की राह पकड़ी और जिसके परिणामस्‍वरूप वह पुलिस की गोली को शिकार बन गए।

व्यापक स्‍तर पर चलाए जाने वाले इस मिशन 2017 में रक्षा मंत्रालय के साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों के साथ राज्य सरकार की भूमिका रहेगी। एक ओर जहां सेना और पुलिस आतंकवादियों के खिलाफ पहले की तरह उनके सफाए के लिए अभियान चलाते रहेंगे तो वहीं दूसरी धार्मिक गुरूओं और मौलवियों की मदद से पाकिस्तान के झूठे जिहाद का पर्दाफाश भी कराए जाने की योजना है।

 

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