मानव सुरक्षा कानून लागू कराने को लेकर विपक्षियों ने दिखाई एकजुटता

मानव सुरक्षा कानूननई दिल्ली। शहजाद पूनावाला और तहसीन पूनावाला के नेतृत्व में सेव ऑवर कांस्टीट्यूशन ग्रुप द्वारा केंद्र सरकार पर संसद में मानव सुरक्षा कानून लाने पर जोर देने के उद्देश्य से बुधवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर, दिग्विजय सिंह, माकपा सांसद एम.बी. राजेश, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राजद के मनोज झा, जदयू के पवन वर्मा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी, राकांपा, बसपा के प्रतिनिधि राजधानी दिल्ली में एकजुट दिखे। सभा में तय हुआ कि इस प्रयास पर सुनवाई नहीं हुई तो संबद्ध सांसद बतौर निजी सदस्य विधेयक का मसौदा संसद के सामने प्रस्तुत करेंगे। पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने भी सभा को संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए शशि थरूर ने कहा, “मैं जानता हूं पीट पीटकर हत्या की घटनाओं (मॉब लिंचिंग) से आप सभी आहत हैं। आज भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेकर निर्दोषों पर अत्याचार हो रहा है। गिनती के मामलों में ही अपराधी पकड़े जाते हैं। इसलिए हमें स़ख्त कानून चाहिए।”

एमबी राजेश ने कहा, “मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून की मांग करने की लाचारी भारत के लिए दुर्भाग्य की बात है। हमारा दायित्व है कि मिल कर मॉब लिंचिंग को खत्म करें।”

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तहसीन पूनावाला ने कहा, “हम यह कल्पना भी नहीं कर सकते कि कैसे कुछ लोग मॉब लिंचिंग जैसा जघन्य अपराध कर रहे हैं पर यह आज का सच है और इसलिए हमने भीड़ द्वारा निर्दोषों की हत्या के खिलाफ स़ख्त कानून बनवाने की ठान ली है। इसका ड्राफ्ट देख कर सेवारत और सेवानिवृत्त सभी न्यायाधीश उत्साहित हैं। हमारी कोर टीम की सदस्य स्वरा भास्कर (अभिनेत्री) की ओर से मानव सुरक्षा कानून को अंतिम रूप से लागू करने के लिए प्रधानमंत्री के नाम एक याचिका भेजी है जिस पर लाखों लोगों के हस्ताक्षर हैं। हमें विश्वास है कि प्रधानमंत्री चालू सत्र में इस कानून को लागू करवाएंगे।”

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दिग्विजय सिंह ने कहा, “देश में भीड़ द्वारा हिंसा पर रोक लगाने के मकसद से मानव सुरक्षा कानून को हकीकत में बदलना जरूरी है। ”

पवन वर्मा ने कहा, “गौरक्षा के नाम पर हमारे प्रजातंत्र का अपमान किया जा रहा है। कानून व्यवस्था हाथ में ले रहे हैं लोग। मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम अपराध रोकने का सख्त कानून लागू करना होगा। ”

शहजाद पूनावाला ने कहा, “हमने भाजपा और प्रधानमंत्री से भी संपर्क किया है। यदि उन्हें संविधान की कद्र है और मॉब लिंचिंग रोकने को लेकर वे गंभीर हैं तो मानव सुरक्षा विधेयक को सरकार संसद में पेश करे। प्रधानमंत्री का गौरक्षा के नाम पर चंद शब्द कह देना काफी नहीं है। उन्हें कथनी और करनी एक कर दिखाना होगा।”

हाल में भीड़ द्वारा लोगों की हत्या के कई मामलों को देखते हुए नेशनल कैम्पेन अगेंस्ट मॉब लिंचिंग द्वारा तैयार मानव सुरक्षा कानून का ड्राफ्ट 7 जुलाई को प्रकाश अम्बेडकर ने पेश किया। इसका लंबे समय से इंतजार था। पूनावाला ने दलित कार्यकर्ता जिग्नेश मेवानी, पूर्व जेनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार, पूर्व जेनयूएसयू उपाध्यक्ष शहला राशिद के साथ जाने-माने पत्रकार कुलदीप नैयर और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता संजय हेगड़े के मार्गदर्शन में पिछले महीने नेशनल कैम्पेन अगेंस्ट मॉब लिंचिंग का शुभारंभ किया।

एक निष्पक्ष ड्राफ्ट कमेटी बनाई गई जिसे कानून का प्रारूप तैयार करना था। इस प्रारूप में मॉब लिंचिंग को गैरजमानती अपराध घोषित किया गया है जिसकी सजा आजीवन कैद हो सकती है। कानून के प्रारूप में स्थानीय एसएचओ या थाना प्रमुख के निलंबन को अनिवार्य बनाया गया है। ऐसी घटनाओं के लिए उन्हें जिम्मेदार बनाने का प्रस्ताव दिया गया है।

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