मानव तस्करी का हुआ भंडाफोड़, दूसरे राज्यों से महिलाओं व बच्चों को बेचते थे तस्कर

मानव तस्करीसंजय आर्य

हरिद्वार। धर्म नगरी धीरे-धीरे अधर्म की नगरी बनती जा रही है। सोमवार को एसएसपी द्वारा गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए कोतवाली रानीपुर में संचालित हो रहे मानव तस्करी से जुड़े एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह दुसरे राज्यों से महिलाओं और मासूम बच्चों को लाकर न केवल बेचा करते थे बल्कि उनसे अनैतिक देह व्यापार भी कराते था। पुलिस ने इस गिरोह की तीन महिलाओं और दो पुरुषों को गिरफ्तार किया व उनके कब्जे से दो महिलाएं और दो बच्चों को भी मुक्त कराया है। बड़ी बात ये की इस गिरोह की संचालिका पहले भी हरिद्वार से मानव तस्करी में जेल जा चुकी है।

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एसएसपी हरिद्वार ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ के बाद सामने आया कि ये महिलाओं को पिछड़े क्षेत्रो से लाकर बेच दिया करती थी। ये बच्चों ओर महिलाओं को अलग-अलग जगह बेच देती थी। नेटवर्क की सरगना पकड़ी गई आरोपी महिला सीता मुख्य रूप से गरीब महिलाओं को बहला फुसलाकर एजेंटो के द्वारा डिमांड आने पर इधर-उधर बेच देती थी।

चंद रुपयों की खतिर बड़े ही शातिराना अंदाज में ये नेटवर्क फलफूल रहा था। जो बड़ी ही आसानी से महिलाओं ओर बच्चो को इधर से उधर बेचा करता था। एसएसपी के अनुसार इस नेटवर्क में जिला हरिद्वार के सरकारी पैनल में मौजूद एक वकील का भी नाम प्रकाश में आया है। अभी इनके हरिद्वार के खानपुर के पास गाँव मे इन्होंने खरीद फरोख्त की वारदात को अंजाम दिया है महिलाओं ओर बच्चों को कुछ को उत्तराखंड में बेचा है तो कुछ को अन्य प्रदेशों में भी बेचा गया है। तमाम मामलो को दृष्टिगत रखते हुए अभी जांच की जा रही है।

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पकड़े गए आरोपी वारिस का कहना है कि वो बेकसूर है, वह कांवड़ मेले के दौरान होटल में काम करके बदायू चला गया था और अपने काम किए हुए पैसे लेने आया था तो पुलिस ने पकड़ लिया।

वही पीड़िता का कहना है की इन्होंने मेरी पांच शादियां करवा दी और इसका कोई पैसा भी नही दिया। उसने बताया कि हाल ही में मेरठ में शादी कराई थी। उसका पैसा भी इन्ही के पास है।

मानव तस्करी का आज पकड़ में आया ये कोई पहला मामला नहीं है पूर्व में भी कई बार इस तरह के गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं बावजूद इसके गिरोह के सदस्यों को कोई खास सज़ा नहीं हो पाती जिस कारण ये बाहर आकर फिर से इस धंधे से जुड़ जाते हैं।

 

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