मानवता हुई शर्मसार ! कर्मचारियों ने कटे पैरों को बना दिया मरीज का तकिया…

एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया हैं. बतादें की सिविल अस्पताल के कर्मचारियों ने इस बार सारी हदे पार कर दी हैं. वहीं कर्मचारियों ने मरीज के दोनों पैर कट जाने के बाद मरीज को स्ट्रेचर पर ले जाए जाने के दौरान उसके सिरहाने उसी के दोनों कटे पैर तकिया बनाकर रख दिया.

 

खबरों के मुताबिक इस तस्वीर के सामने आने के बाद अस्पताल कर्मचारियों की इस करतूत की हर तरफ आलोचना हो रही है. बताया जाता है कि शहर के भूड़ कॉलोनी निवासी 42 वर्षीय प्रदीप शर्मा पास ही की कंपनी में काम करते थे. प्रदीप बड़खल फ्लाईओवर के नीचे से रेल ट्रैक पार कर ड्यूटी जा रहे थे. पैर फंसने के कारण वह ट्रैक पर ही गिर पड़े.

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वहीं प्रदीप पटरी में फंसे अपने पैर निकाल पाते, इससे पहले ही तेज गति से आ रही सुपरफास्ट ट्रेन पैरों को शरीर के बाकी हिस्से से अलग करते हुए गुजर गई. प्रदीप के दोनों पैर शरीर से अलग हो गए. आसपास मौजूद लोगों ने तत्परता दिखाते हुए प्रदीप को तुरंत उपचार के लिए सिविल अस्पताल पहुंचाया.

जहां सिविल अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई और मानवता को शर्मसार कर देने वाली तस्वीरें भी सामने आई हैं. प्रदीप को उपचार के लिए स्ट्रेचर पर अंदर ले जाते समय चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों ने उसी के पैरों को तकिया बना दिया. प्रदीप के दोनों कटे पैरों को उसका सिरहाने रख स्ट्रेचर पर लिटा दिया गया.

दरअसल सिविल अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक डॉक्टर विनय गुप्ता ने इस घटनाक्रम पर कहा कि डॉक्टर के लिए किसी मरीज की जान बचाना पहला कर्तव्य होता है. उन्होंने सुविधाओं के अभाव का जिक्र करते हुए कहा कि मरीज को जल्द उपचार की जरूरत थी. हमने उस समय जो संभव था, वह किया. डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि हमारा ध्यान मरीज को जल्द से जल्द उपचार प्रदान कर उसकी जान बचाने पर था.

उन्होंने कहा कि सुपर स्पेशिएलिटी की सुविधा नहीं होने के कारण मरीज को ब्लड चढ़ाने के बाद दिल्ली ट्रॉमा सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया. वहीं राजकीय रेलवे पुलिस के थाना प्रभारी राजपाल ने कहा कि किसी व्यक्ति के रेलवे ट्रैक पार करते समय दुर्घटना की खबर मिली थी, लेकिन हमारे मौके पर पहुंचने से पहले ही उसे अस्पताल ले जाया जा चुका था.

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