महाराष्ट्र में मोदी-शाह की राह हुई आसान , ओवैसी कर रहे हैं मुस्लिमों से अपील

नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी एक बार फिर उत्तर प्रदेश के बाद देश को सबसे ज्यादा सीट देने वाले महाराष्ट्र में भी बीजेपी के खिलाफ मजबूत गठबंधन खड़ा करने में नाकाम होती दिख रही हैं। जहां महाराष्ट्र में बीजेपी का शिवसेना गठबंधन के सामने कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन हैं और एक तीसरा गठजोड़ असदुद्दीन ओवैसी और प्रकाश अंबेडकर का भी बनता दिख रहा हैं जिसे खासा समर्थन मिल रहा हैं। ओवैसी-अंबेडकर गठजोड़ का मानना हैं की कांग्रेस-एनसीपी का दलित-मुस्लिम वोट ही काटेगा और इसका सीधा फायदा बीजेपी-शिवसेना को मिलेगा।

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बतादें की महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटों में से 3 सीट अनुसूचित जनजाति और 4 सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। और इन सीटों पर पिछले चुनाव में बीजेपी-शिवसेना का दबदबा रहा और कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन एक भी सीट जीतने में नाकाम रही हैं। देखा जाये तो महाराष्ट्र में 14 फीसदी आबादी दलित और 11 फीसदी मुस्लिम आबादी हैं। जहां राज्य में दलित और मुस्लिम कांग्रेस-एनसीपी के परंपरागत वोटर रहे हैं।

 

 

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दअरसल देखा जाये तो पिछले लोकसभा चुनाव में राजू शेट्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन किया था। और इस बार कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन शेट्टी को अपने साथ लाने का प्रयास कर रहा हैं। लेकिन उसकी कोशिश अब तक नाकाम रही हैं। और ऐसे में अगर शेट्टी भी एआईएमआईएम और भारिप के साथ आ जाते हैं तो नाराज़ किसानों का वोट तीसरे मोर्चे में चला जायेगा। जिसका सीधा फायदा बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को ही मिलने की उम्मीद लग रही हैं।

 

 

 

 

असदुद्दीन ओवैसी लगातार अपनी सभा में मुसलमानों से अपील कर रहे हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी उन्हें वोट कटवा कहेंगे। लेकिन आप (मुसलमान) लोग इनके बहकावे में मत आयेगा। क्योंकि आज मुसलमानों के पास जो सबसे अच्छा विकल्प है वो छोटे दलों का गठबंधन वंचित बहुजन आघाडी ही है। उल्लेखनीय है कि असदुद्दीन ओवैसी देश में मुसलमानों की दुर्दशा के लिए लगातार कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। जहां सच्चर कमेटी और श्रीकृष्ण आयोग की रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डालने का इल्जाम लगाते रहे हैं। जहां तेलंगाना विधानसभा चुनाव में उन्होंने टीआरएस से गठबंधन कर कांग्रेस को तगड़ा झटका दिया हैं, तो वहीं आंध्र प्रदेश में जगन मोहन रेड्डी के साथ उनके गठबंधन की चर्चा तेज हैं।

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