महाराष्ट्र का यह वन्यजीव अभयारण्य, रोमांचक भ्रमण के लिए है प्रसिद्ध

गौताला वन्यजीव अभयारण्य भारत के महाराष्ट्र राज्य स्थित एक रिजर्व वन्य क्षेत्र है, जो औरंगाबाद से लगभग 69 किमी की दूरी पर सह्याद्री की सतमाला और अजंता पर्वत श्रृंखलाओं में स्थित है। प्राकृतिक खूबसूरती और रोमांचक आनंद लेने के लिए यहां सैलानी दूर-दूर से आते हैं।

यह राज्य के चुनिंदा खास अभयारण्य और पर्यटन स्थलों में शामिल है। वन्यजीवों के लिए आरक्षित यह क्षेत्र राज्य के गौताला गांव के निकट स्थित है।

महाराष्ट्र का यह वन्यजीव अभयारण्य, रोमांचक भ्रमण के लिए है प्रसिद्ध

इस अभयारण्य को भारती सरकार द्वारा 1986 में स्थापित किया गया था। यह पश्चिमी घाट के अंदर दक्षिण उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन है, जहां जीवों और वनस्पतियों की असंख्य प्रजाति निवास करती है। इस खास लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से यह अभयारण्य आपके लिए कितना खास है।

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गौताला की जलवायु

औरंगाबाद के निकट गौताला वन्यजीव अभ्यारण्य घने जंगलों के साथ एक खूबसूरत वन्यजीव अभयारण्य। यह भारत में चुनिंदा आकर्षक वन्यजीव भंडारों में गिना जाता है। गर्मियों के मौसम के दौरान यहां अच्छी-खासी गर्मी पड़ती है,

पर मानसून के आते ही तापमान में गिरावट और मौसम काफी खुशनुमा हो जाता है। गर्मियों के दौरान यहां का तापमान 21 से 37 डिग्री रहता है। गर्मी का ज्यादा प्रकोप मार्च से मई के महीने तक ही रहता है। नवंबर से फरवरी तक ताममान में बहुत ही ज्यादा गिरावाट आ जाती है। सर्दियों का मौसम यहां काफी शानदार होता है। मानसून के दौरान यह स्थल अत्यधिक वर्षा प्राप्त करता है।

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आने का सही समय

अगस्त से फरवरी का समय यहां आने का सबसे आदर्श समय माना जाता है, इस दौरान आप यहां के वन्यजीवन के साथ-साथ प्राकृतिक खूबसूरती का भी जी भरकर आनंद उठा सकते हैं। सैर के लिहाज से मार्च से मई के बीच यहां आना उचित नहीं होगा।

इस दौरान अत्यधिक गर्मी आपके सफर में बाधा डाल सकती है। आप मानसून के दौरान या सर्दियों में यहां का प्लान बना सकते हैं। यहां आने से पहले मौसम का जायजा जरूर लें।

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वन्यजीवन स्तनधारी :

गौतला वन्यजीव अभयारण्य में स्तनधारियों, पक्षियों और सरीसृपों की विभिन्न प्रजातियां मौजूद है। जंगली जीवों में आप यहां चीतल, जंगली सूअर, बाइसन, भेड़िया, सांबर, तेंदुआ, सियार, लोमड़ी, बंदर, भौकने वाली हिरण, जंगली कुत्ता, जंगली बिल्ली भालू आदि को देख सकते हैं।

पक्षी :

जंगली जीवों के अलावा आप यहां विभिन्न पक्षी प्रजातियों को भी देख सकते हैं। इस अभयारण्य में पक्षियों की 240 प्रजातियां मौजूद हैं। पक्षियों में आप यहां मोर, पार्ट्रिज, स्टॉर्क, क्रेन, स्पून बिल्स, बटेर, पोचार्ड और पेफौल आदि को देख सकते हैं। इसके अलावा आप यहां विभिन्न प्रवासी पक्षियों को भी देख सकते हैं।

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आसपास के आकर्षण और सफारी

आप इस अभयारण्य में नाइट लाइफ का आनंद भी ले सकते हैं। वन विभाग द्वारा यहां नियमित रूप से पर्यटकों के लिए सुबह और शाम सफारी की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

यहां आप वन्यजीवन के अलावा गुफाओं, झीलों, झरने और मंदिरों की सैर का भी आनंद ले सकते हैं। मानसून के दौरान अभयारण्य के अंदर कई मौसमी झरने बन जाते हैं।

औरंगाबाद में सबसे अच्छे पर्यटन स्थलों में से एक होने के नाते यहां बड़ी संख्या में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।

अभयारण्य के अलावा आप नजदीकी आकर्षणों के भ्रमण का आनंद भी ले सकते हैं। सीता खोरी वाटरफॉल, अंतूर किला, शिव मंदिर, पीतलखोरा गुफाएं आदि यहां के नजदीकी दर्शनीय स्थल हैं।

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कैसे करें प्रवेश

औरंगाबाद से गौताला की दूरी मात्र 69 किमी है। आप औरंगाबाद परिवहन के तीनों साधनों के द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा औरंगाबाद एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप पचोरा/ चालीसगांव रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं।

अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों द्वारा औरंगाबाद राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

 

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