महानायक तनज़ील की शहादत पर केंद्र सरकार के मंत्री ने अपना मुंह क्यों नही खोला??

download (82)एजेन्सी/महानायक तनज़ील की शहादत पर आखिर क्यों नही किसी केंद्र सरकार के मंत्री अपना मुंह खोला।बन्दर की मोत पर उत्पात मचाने वाले आज क्यों खामोश हैं।आज क्यों किसी रामदेव,साधवी , योगी आदित्यनाथ , भागवत ,बंसल या प्रेस्टिट्यूट्स मीडिया को इस बहादुर देशभक्त अधिकारी मोहम्मद तंज़िल अहमद की निर्मम हत्या पर बयान सुना है क्या ? इनकी तो छोड़िये मुस्लिम रहनुमा औवेसी, आज़म खां,नसीमुद्दीन सिद्दीकी या कोई और ने इसकी मज़म्मत की है।जी नही क्योंकि शहीद होने वाला एक मुसलमान था।तथा इस महानायक का नाम लेने से कोई राजनैतिक लाभ नहीं मिल सकता।भारत के नेता जभी ज़बान खोलते हैं जहां उनको राजनैतिक लाभ हो।नही तो देश जाए तेल लेने इन नेताओं पर कोई प्रभाव नही पड़ता।

क्योंकि मोहम्मद तंज़िल अहमद न तो अफ़ज़ल थे और न ही याक़ूब | जिनका रोना रोकर देश की जनता को मूर्ख बनाकर अपना ऊल्लू सीध किया जा सके।कोई सेक्युलर ब्रिगेड मातम नहीं मनाएगी | इस साहसी अधिकारी के बारे में थोड़ी सी जानकारी लीजिए आपको समझ आ जाएगा की आतंकियों ने 30 गोली मारकर क्यों हत्या की |

क) इंडियन मुजाहिद्दीन के चीफ यासिन भटकल की गिरफ्तारी में थी मुख्य भूमिका |

ख) पश्चिमी यूपी में इंडियन मुजाहिद्दीन के स्लीपर सेल की कमर तोड़ दी थी |

ग) पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस्लामिक स्टेट के स्लीपर सेल का भंडाफोड़ किया था |

घ) ‘स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया’ (SIMI) के स्लीपर सेल की कमर तोड़ दी थी |

ङ) BSF के तेज तर्रार अधिकारी थे तंज़िल अहमद इसी वज़ह से प्रतिनियुक्ति (Deputation) पर NIA में हुए थे शामिल |

च) पठानकोट हमले की जांच के लिए आई पाकिस्तानी SIT को तर्कों से पाकिस्तान की संलिप्तता स्वीकार करने पर बाध्य किया था |

अब ये हमारा कर्तव्य है की इस देशभक्त की बहादुरी देश तक पहुचाएं अन्यथा अफ़ज़ल प्रेमी मीडिया, सेकुलर नेता और लोग इनकी बहादुरी को इतिहास में दफ़न कर देंगे | पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें |

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