मेरठ : जलसेवकों ने बदली तालाब की तस्वीर, आधी आबादी ने भी थामा हाथ

मवाना खुर्द मेरठ : उत्तर प्रदेश में मेरठ का मवाना खुर्द स्वच्छता अभियान की मिसाल बन गया है। तीन दशक से यह गांव पानी की बूंद-बूंद को तरस रहा था। गांव का तालाब बदहाल था। सरकारी तंत्र न गांववालों की आवाज सुनता था, न मरते जा रहे इस तालाब की। आखिरकार गांववालों ने खुद तालाब की तस्वीर बदलने की ठानी।

मवाना खुर्द का तालाब

रविवार को गांववाले तालाब साफ करने के लिए इसमें उतर गए। किसी के हाथ में फावड़ा दिखा तो किसी के पास खुरपी दिखी। जीतोड़ मेहनत करते हुए गांववालों ने तालाब का चेहरा देखने लायक कर दिया। मंगलवार को यह अभियान नए रंग में दिखा। पहली बार आधी आबादी भी इस अभियान में शामिल हुई। महिलाओं ने तालाब में उतरकर इसकी सफाई शुरू की। गांव के जलसेवकों की इस जीवटता को देख लोग आश्‍चर्य में थे।

अब मवाना खुर्द के दिन बहुरने की उम्मीद जताई जा रही है। आसपास के तालाबों की सफाई की दिशा में भी कदम बढ़ाए गए हैं। मेरठ के डीएम की इस पहल में गांववालों के जुड़ने से नई ऊर्जा पैदा हुई है। अब दर्जनों महिलाएं, बच्चे और बूढ़े भी तालाब की सेहत सुधारने में जुट गए हैं।

श्रमदान कर रहे ये जलसेवक अब समझ चुक हैं कि इनकी एकता ही तालाब की सूरत बदलेगी। इस एकता को देखकर जनप्रतिनिधि से लेकर सरकारी अफसर तक जलसेवकों की इस कोशिश की सराहना कर रहे हैं।

प्रस्तुति – आदेश कुमार

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