शर्मनाक : सिर्फ एक वजह से रोज़ मर रहे 379 मासूम

मध्यप्रदेश में स्वास्थ्यभोपाल| मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं अब भी बदहाल है, यही कारण है कि यहां पांच साल तक के जीवित प्रति हजार बच्चों में 69 की मौत हो जाती है। यह खुलासा बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था यूनिसेफ द्वारा मंगलवार को जारी ‘दुनिया में बच्चों की स्थिति 2016’ की रिपोर्ट में किया गया है।

राजधानी भोपाल में राज्य के स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी की मौजूदगी में इस रिपोर्ट को जारी करते हुए यूनिसेफ की राज्य इकाई के प्रभारी प्रमुख मनीष माथुर ने बताया कि राज्य में जन्म से पांच वर्ष तक की आयु के प्रति हजार बच्चों में 69 की मौत होती है। इनमें से ग्रामीण इलाकों के 75 और शहरी इलाके के 40 बच्चे होते हैं। मरने वालों में बालिकाओं की संख्या ज्यादा है।

यूनिसेफ की रिपोर्ट बताती है कि राज्य में शिशु मृत्यु दर प्रति हजार 52 है। वहीं जन्म के एक माह के भीतर प्रति हजार में से 36 बच्चे मौत का शिकार हो जाते हैं। इसी तरह पांच वर्ष की आयु तक के 42.8 प्रतिशत बच्चे कम वजन के हैं। वहीं 42 प्रतिशत बच्चे नाटे हैं।

रिपोर्ट बताती है कि राज्य में पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों में से 379 बच्चे हर रोज मौत का शिकार बन रहे हैं। वहीं देश में हर रोज मरने वाले बच्चों की संख्या 3287 है।

माथुर ने वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर बताया कि राज्य में 10.14 प्रतिशत बच्चे प्राथमिक (पांचवीं तक) स्तर पर और 11.70 प्रतिशत बच्चे उच्च प्राथमिक (पांचवीं के बाद) स्कूल से बाहर हो जाते हैं, यानी पढ़ाई छोड़ देते हैं।

यूनिसेफ की यह रिपोर्ट राज्य की प्राथमिक शिक्षा की स्थिति पर भी सवाल खड़े करती हुई बताती है कि राज्य के स्कूलों में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले 60.3 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे हैं जो अक्षर पहचानते हैं, वहीं तीसरी कक्षा के 32.2 प्रतिशत बच्चे ही ऐसे हैं जो शब्द को पढ़ पाते हैं।

इस मौके पर स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने कहा कि राज्य सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है, यूनिसेफ के जो आंकड़े हैं, उन्हें भी ध्यान में रखकर आगे काम करेगी। आंकड़ों के आधार यह बात अच्छी है कि देश की स्थिति में सुधार आया है।

यूनिसेफ ने इस बार अपनी रिपोर्ट डिजिटल रूप में जारी की है। इसका मकसद कागज के लिए पेड़ों की कटाई को रोकना है।

इस मौके पर बाल संरक्षण अधिकार आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र शर्मा, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच मौजूद थीं। कार्यक्रम का संचालन यूनिसेफ के संचार प्रमुख अनिल गुलाटी ने किया।

ज्ञात हो कि बच्चों की स्थिति तथा उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए किए जाने वाले कार्यो को बताने के लिए यूनिसेफ द्वारा ‘दुनिया में बच्चों की स्थिति 2016’ को वैश्विक रूप से जारी किया गया है। भारत में मध्यप्रदेश सहित 13 राज्यों में मंगलवार को इस रिपोर्ट को जारी किया गया, जहां यूनिसेफ काम करती है।

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