मजदूर संगठनों की हड़ताल से यहां की निजी बसें सड़कों से हुई दूर

पणजी। गोवा में मजदूर संगठनों की हड़ताल के दूसरे दिन बुधवार को निजी बस संचालकों के हड़ताल में शामिल होने से कार्यालय जाने वाले लोगों को और छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।

यह हड़ताल केंद्र सरकार की ‘श्रमिक विरोधी’ नीतियों के विरोध में बुलाई गई है। जिला प्रशासन के अनुसार, इस दौरान हिंसा की कोई भी घटना दर्ज नहीं की गई। लेकिन, परिवहन का महत्वपूर्ण हिस्सा निजी बसों की अनुपस्थिति से यात्री काफी परेशान हुए। हालांकि राज्य सरकार द्वारा संचालित कदंबा परिवहन निगम की अतिरिक्त बसें सेवा में उतारी गईं थीं लेकिन फिर भी यात्री काफी परेशान दिखे।

एक दैनिक यात्री आलोक नाइक ने बताया, “मैं काम पर नहीं पहुंच सका। वास्तव में अंजुना-मापुसा मार्ग पर कोई भी निजी बस नहीं नजर आ रही थी और यहां सरकारी बसें नहीं चलती हैं।”

परिवहन मंत्री सुदीन धवलीकर ने कहा कि गोवा में लोगों पर हड़ताल का कम से कम प्रभाव पड़े, इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “हमने अतिरिक्त केटीसी बसों को सेवा में लगाया है। बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन और अन्य प्रमुख स्थानों पर और जहां परेशानी की संभावना है, वहां पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है।”

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गोवा सरकार कर्मचारी संघ के अध्यक्ष जॉन नाजरेथ ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों ने कामकाज जारी रहने की सूचना दी है क्योंकि संघ ने हड़ताल का केवल ‘नैतिक रूप से समर्थन’ किया है लेकिन इसमें भाग नहीं लिया है।

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