3 महीने में मंदिर के लिए बनकर तैयार होगा ट्रस्ट, सोमनाथ की तर्ज पर होगा निर्माण

सुुप्रीम कोर्ट के अनुसार राम मंदिर निर्माण के लिए सभी सरकारों के पास केवल 3 महीने का समय है.कयास लगाए जा रहे हैं कि मंदिर का निर्माण सोमनाथ मंदिर के तर्ज पर ही किया जाएगा. हालांकि मंदिर निर्माण में निर्मोही आखाड़ा को भी शामिल किया जाएगा. इस ट्रस्ट के पास सदस्यों को काफी संख्या होगी. सरकार जब चाहे ट्रस्ट के सदस्यों का संख्या घटा और बढ़ा सकती है.

मंदिर

सूत्रों के मुताबिक, ट्रस्ट के सदस्य के चयन और मंजूरी में प्रधानमंत्री की भूमिका भी अहम हो सकती है. ट्रस्ट में जहां राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा कुछ बड़े धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं, वहीं दूसरी ओर समाज के कुछ वरिष्ठ नागरिक, राम मंदिर से जुड़े संगठनों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है.

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यही नहीं ट्रस्ट का काम तेज गति से हो और कार्यशैली कुशल रखने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के नुमाइंदे भी इसमें शामिल हो सकते हैं. प्रधानमंत्री मोदी खुद राम मंदिर से जुड़ी प्रगति पर नजर रख पाएं, इसके लिए प्रधानमंत्री कार्यालय से भी किसी को सदस्य बनाया जा सकता है. हालांकि ट्रस्ट बनाने के लिए यह जरूरी है कि उसका कार्यक्षेत्र तय किया जाए और उसके हर सदस्य की जिम्मेदारी भी तय हो.

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