भारत ने चीन से कहा- ‘अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव में चीन अड़ंगा न डाले’

भारत ने सोमवार को चीन के समक्ष पाकिस्तानी आतंकी मसूद अजहर को आतंकियों की काली सूची में डालने का मसला उठाया. भारत के विदेश सचिव विजय गोखले चीन के स्टेट काउंसलर वांग यी से मिलकर उनसे कहा कि बीजिंग को नई दिल्ली की चिंताओं के प्रति ‘संवेदनशील’ होना चाहिए.

दरअसल गोखले चीन के दो दिवसीय दौरे पर हैं. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने वांग यी को इस बात के लिए राजी करने की कोशिश की है कि संयुक्त राष्ट्र समिति में अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव में चीन अड़ंगा न डाले.

विगत में चीन संयुक्त राष्ट्र 1267 प्रतिबंध समिति में भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा इस बाबत पेश प्रस्तावों पर तकनीकी रोक लगाकर अड़ंगा डालता रहा है. इससे भारत के साथ चीन के रिश्तों में खटास आई क्योंकि अजहर भारत में जघन्य आतंकी वारदातों को अंजाम देने की साजिश रचने को लेकर वांछित अपराधी है.

मसूद अजहर पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट जैश-ए-मुहम्मद का सरगना है. इस गुट ने फरवरी में जम्मू एवं कश्मीर में हुए आत्मघाती बम धमाके की जिम्मेदारी ली जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हुए थे.

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गोखले का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने को लेकर बीजिंग बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है. सूत्रों के अनुसार, वांग के साथ गोखले की मुलाकात के दौरान मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का मसला उठाया गया. वांग चीन के विदेश मंत्री भी हैं.

गोखले ने वांग और चीन के उप विदेश मंत्री कोंग शुआनयू के साथ बैठक के दौरान आरंभिक बयान में कहा, ‘हम चीन के साथ मिलकर आपसी समझ को गहराई प्रदान करने और आपसी विश्वास को मजबूत करने की दिशा में काम करेंगे ताकि दोनों देशों के नेताओं द्वारा लिए गए फैसलों पर अमल किया जा सके और इसे एक-दूसरे की संवेदनाओं को समझने के नजरिए से करेंगे.’

 

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