भारत के गर्म तेवर देख नर्म पड़ा चीन, कहा- बातचीत से हल होगा विवाद

भारत-चीन सीमा विवाद अभी किसी भी अजंम तक नही पहुंच सका है। चीन की हर साजिश पर भारत के तीखे तेवर देख चीन नर्म पड़ता दिखाई दे रहा है। जानकारी के मुताबिक चीन में मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक हुई थी। जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने कहा कि एससीओ के देशों को अपने आपसी विवादों और मतभेदों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से ही हल करने चाहिए। साथ ही जिनपिंग ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में कहा कि शंघाई सहयोग संगठन को आगे बढ़ाने और एकजुटता, सहयोग को गहरा करने के लिए सदस्य देशों को सक्रियता दिखाते हुए आगे आना चाहिए।

मोदी और जिनपिंग की मुलाकात
मंगलवार को हुए शंघाई सहयोग संगठन की बौठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल थे जिसमें उन्होंने चीन के राष्ट्रपति से मुलाकात भी की। बता दें कि भारत-चीन के सीमा विवाद के बाद यह पहला अवसर था जब दोनो देश के प्रधानमंत्री के दूसरे से मिले हों। साथ ही बता दें कि चल रहे सीमा विवाद को लेकर 8वें दौर की भी बैठक हो चुकी है लेकिन अभी तक इसको लेकर निष्कर्श नही निकल पाया है।

जिनपिंग ने की सहयोग की बात
जिनपिंग ने बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा कि कोरोना महामारी के कारण दुनिया में आशंति व कई बड़े परिवर्तन हुए हैं। साथ ही जिनपिंग ने कहा कि, ‘ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अब बहुसंख्यकवाद और एकतरफावाद, खुलेपन और एकांत के बीच होने वाले विकल्पों का सामना कर रहा है। दुनिया भर में लोग एक बेहतर जीवन के लिए बढ़ रहे हैं। शांति, विकास, सहयोग और पारस्परिक लाभ की ओर बढ़ने से ही हमें जीत मिलेगी।’

कोरोना महामारी पर बोले जिनपिंग
जिनपिंग ने अपनी बैठक के दौरान कई बार कोरोना महामारी को लेकर चर्चा की। जिनपिंग ने कोरोना महामारी पर एक बार फिर बोलते हुए कहा कि इस महामारी ने वैश्विक स्तर पर बदलाव लाएं है। साथ ही जिनपिंग ने कहा कि , ‘हमें एकजुटता और आपसी विश्वास को गहरा करना चाहिए, और विवादों और मतभेदों को बातचीत और परामर्श के माध्यम से हल करना चाहिए, ताकि एससीओ विकास के लिए राजनीतिक नींव को मजबूत किया जा सके।’

मोदी ने बोला जिनपिंग पर हमला
जिनपिंग के बाद जब मोदी के संबोधन की बारी आई तो उन्होंने जिनपिंग की जमकर खिचाई की। मोदी ने अपने ही अंदाज में सीमा विवाद को लेकर चीन का नाम लिये बिना ही बोले कि,’ यह महत्वपूर्ण है कि एससीओ सदस्य देश एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें। भारत के शंघाई सहयोग संगठन देशों के साथ मजबूत सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध हैं।’ साथ ही मोदी ने कहा कि कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम एक दूसरे की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करें और उसमें बिना हस्तक्षेप करते हुए आगे बढ़ें।

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