भारतीय महिला हॉकी टीम ने चीन को दिया मुंहतोड़ जवाब

भारतीय महिला हॉकी टीमभारतीय महिला हॉकी टीम ने एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया है। चीन को हराते हुए भारतीय टीम ने आज जीत का जश्न मनाया।

दीपिका ठाकुर के आखिरी मिनट में किए गए निर्णायक गोल की बदौलत भारतीय महिला हॉकी टीम ने रोमांचक फाइनल में चीन को 2-1 से हराकर पहली बार महिला एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी का खिताब जीता है।

इस जीत से भारत ने चीन के हाथों कल आखिरी लीग मैच में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। महिला टीम से पहले पुरूष टीम ने क्वांटन में पाकिस्तान को हराकर पुरूष वर्ग में यह महाद्वीपीय खिताब जीता था। भारत की तरफ से दीप ग्रेस एक्का (13वें मिनट) ने पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया जबकि वंदना कटारिया (60वें मिनट) ने भी पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर टीम को यादगार जीत दिलाई। चीन को क्षोंग मेंगलिंग ने 44वें मिनट में बराबरी दिलायी थी।

भारत इससे पहले महिला एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी में 2013 में जापान के बाद उप विजेता रहा था जबकि 2010 में पहले टूर्नामेंट में उसे तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। कल की तुलना में पूरी तरह से भिन्न रवैया अपनाने के कारण टीम को 13वें मिनट में पहला पेनल्टी कार्नर मिला। दीप ने बहुत खूबसूरती से इसे चीनी गोलकीपर के पास गोल में भेजकर टीम को शुरूआती बढ़त दिलाई।

भारत ने दूसरे क्वार्टर में भी दबाव बनाये रखा और अनुशासित हॉकी का प्रदर्शन किया। उसने किसी तरह की जल्दबाजी नहीं दिखायी और चीन को बराबरी का गोल नहीं दागने दिया। तीसरे क्वार्टर में हालांकि मेंगलिंग भारतीय सर्किल में पहुंचकर मैदानी गोल करने में सफल रहीं।

इस खिताबी जीत पर हॉकी इंडिया ने प्रत्येक खिलाड़ी और कोच नील हागुड के लिए दो-दो लाख रूपये के पुरस्कार की घोषणा की। इसके अलावा महासंघ ने टीम के अन्य सहयोगी स्टाफ के लिए एक लाख रूपये की घोषणा की। टूर्नामेंट में सर्वाधिक गोल करने वाली दीपिका को अलग से एक लाख रूपये दिये जाएंगे।

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