पहली तिमाही में सुधरेगी भारतीय अर्थव्यवस्था : सर्वेक्षण

भारतीय अर्थव्यवस्थानई दिल्ली। देश के अग्रणी उद्योग मंडल सीआईआई ने अपने हालिया सर्वेक्षण के हवाले से रविवार को कहा कि बेहतर वित्तीय लिंकेज की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था में मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बहुआयामी सुधार होगा। सीआईआई ने कहा है कि उपलब्ध पूंजी और घरेलू आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी।

सीआईआई ने एक वक्तव्य जारी कर कहा, “सीआईआई-आईबीए की वित्त वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के लिए वित्तीय स्थिति सूचकांक 56.9 है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुआयामी सकारात्मकता को दर्शाता है।”

सीआईआई ने इंडियन बैंक्स सर्विसिस (आईबीए) के साथ संयुक्त रूप से यह सर्वेक्षण किया है, जिसमें 31 बैंकों और वित्तीय संस्थानों को शामिल किया गया। सर्वेक्षण में हालांकि निकट भविष्य में तरलता में कमी आने के कारण पूंजी लागत में वृद्धि होने का संकेत भी दिया है।

सीआईआई का कहना है, “पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में निधि लागत सूचकांक 66 था, जिसके इस वर्ष घटकर 40.3 पर रहने की संभावना है। अधिकतर लोगों ने ब्याज दरों में वृद्धि की संभावना जाहिर की।”

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, “वित्तीय स्थिति सूचकांक में सुधार भारतीय वित्त बाजार के लिए सकारात्मक संकेत है, जिसका मुख्य कारण खपत में वृद्धि, बुनियादी ढांचे पर खर्च में वृद्धि और जीएसटी जैसे अहम सुधार होंगे।”

केंद्र सरकार ने हाल ही में बैंकिंग नियमन अधिनियम में संशोधन से संबंधित अध्यादेश जारी कर वाणिज्यिक बैंकों को बुरे ऋण के निपटान को तेज करने का आदेश देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारों में इजाफा किया है।

सरकारी बैंकों पर पिछले वर्ष सितंबर तक बुरे ऋण का बोझ बढ़कर 6.3 लाख करोड़ रुपये हो गया था।

इस सर्वेक्षण में शामिल बैंकों और वित्तीय संस्थानों की संयुक्त रूप से संपत्ति 60 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि बाजार में अतिरिक्त तरलता आने और जमा राशि पर ब्याज में कटौती करने के बावजूद, विभिन्न बैंकों द्वारा दिए गए कर्जो पर मिलने वाले मार्जिनल कॉस्ट में मामूली कमी आई है।

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