बढ़ते कोरोना संकट के बीच राहुल गांधी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, उठाये यह अहम सवाल

देश में कोरोना के बढ़ते मामले एक बार फिर से संकट पैदा करने लगे हैं। इस बार कोरोना से लड़ने के लिए टीका तो हमारे पास है पर क्या टीकाकरण की प्रक्रिया और उसकी पर्याप्त मात्रा हमारे पास उपलब्ध है ? इन्ही सवालों से चिंतित विपक्षी नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। कोरोना मामलो की बढ़ती गति से अर्थव्‍यवस्‍था पर पड़ने वाले असर की आशंका जताते हुए उन्‍होंने पत्र में आग्रह किया है कि जरूरत के मुताबिक कोरोना वैक्‍सीनेशन हर किसी के लिए हो। वैक्‍सीन की उपलब्‍धता बढ़ाने के लिए आग्रह करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पत्र में लिखा, “हमारे वैक्‍सीनेशन कार्यक्रम को सर्टिफिकेट पर किसी एक शख्‍स की फोटो से हटकर अधिकतम वैक्‍सीनेशन की गांरटी तक पहुंचाना होगा।”

केंद्र के खराब क्रियान्‍वयन और लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा, “भारत ने वैक्‍सीनेशन में शुरुआती बढ़त हासिल करने के लाभ को गंवा दिया है और अब हम इसमें बेहद धीमी गति से बढ़ रहे हैं। तीन माह में आबादी के एक प्रतिशत से भी कम लोगों का हम पूरा टीकाकरण कर पाए हैं।” राहुल का दवा है कि मौजूदा गति से टीकाकरण चलता है तो देश की 75 फीसदी आबादी को टीका लगाने में कई साल लग जाएंगे, जिससे देश की अर्थव्‍यवस्‍था पर ख़ासा असर पड़ेगा।

कांग्रेस सांसद ने लिखा, “इसका कोई साफ कारण नहीं है कि सरकार ने बड़े पैमाने पर वैक्‍सीन के निर्यात की इजाजत क्‍यो दी। हमारा देश वैक्‍सीन की कमी का सामना कर रहा है और छह करोड़ से अधिक वैक्‍सीन के डोज निर्यात कर दिए गए हैं।” उन्होंने लिखा, “राज्‍य सरकारें लगातार वैक्‍सीन की कमी की ओर ध्‍यान दिला रही हैं।” उन्‍होंने यह भी सवाल उठाया कि देश के लोगों की अनदेखी करते हुए लोकप्रियता हासिल करने के लिए आखिर वैक्‍सीन एक्‍सपोर्ट क्‍यों किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि, “टीके के निर्यात पर तत्काल रोक लगाई जाए और नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार दूसरे टीकों को त्वरित अनुमति दी जाए। जिन्हें भी टीके की जरूरत है उनके लिए टीकाकरण की व्यवस्था की जाए।” उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि टीके की खरीद एवं वितरण में राज्यों की भूमिका बढ़ाई जाए तथा इस मुश्किल समय में गरीब तबकों कीसीधी आर्थिक मदद की जा सके। गुरुवार को राज्‍यों के सीएम के साथ बैठक में वैक्‍सीन को लेकर केंद्र-राज्‍य के विवाद का जिक्र करते हुए इस बारे में आरोप-प्रत्‍यारोप से बचने की सलाह दी थी।

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