कभी प्राण से खौफ खाते थे शहंशाह, नहीं थी डायलॉग बोलने की हिम्‍मत

बॉलीवुड के विलेनमुंबई। आज के दौर में अगर बॉलीवुड के विलेन की बात की जाए तो कोई एक नाम सामने नहीं आता है। विलेन के पैमाने पर कोई ऐसा एक्‍टर नहीं जिसका डर कायम हो।

समय के साथ अब भले ही बॉलीवुड में बहुत से बदलाव आ गए हों लेकिन कुछ बाते कभी बदली या भूली नहीं जा सकती। बॉलीवुड के विलेन का नाम लेते ही कुछ एक्‍टर्स के नाम और उनकी झलक लोगों के जहन में बसी हुई है। उनमें से एक नाम प्राण का है।

प्राण बॉलीवुड के विलेन की लिस्‍ट में हमेशा टॉप पर रहे हैं। बतौर विलेन उनकी अदाकारी ने उनके असली जीवन तक को प्रभावित कर रखा था। असल जिंदगी में भी दर्शक उनसे उतनी नफरत करते थे जितनी पर्दे पर करते थे। इस बात को खुद प्राण ने एक इंटरव्यू में स्वीकारा था।

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प्राण के मुताबिक उनके पूरे करियर के दौरान कोई भी फीमेल फैन उन्‍हें खत नहीं लिखता था। हालांकि प्राण को इसबात का बिलकुल भी मलाल नहीं था। उन्‍हें खुशी थी कि उनकी एक्‍टिंग इतनी स्‍वाभाविक है कि लोग उनसे नफरत करते हैं।

एक विलेन के लिए ये बहुत खुशी की बात होती है जब पर्दे पर निभए किरदार को लोग दिल पर ले लेते हैं। प्राण के नाम का डर सिर्फ आम लोगों में ही नहीं कायम था आपको जानकर हैरानी होगी कि बॉलीवुड के शहंशाह भी प्राण से खौफ खाते थे।

आज के शहंशाह कभी काम और नाम के लिए स्‍ट्रगल कर रहे थे। उस दौर में प्राण की सिफारिश से अमिताभ को ‘जंजीर’ में काम मिला था। काम कोई छोटा मोटा नहीं लीड रोल निभाने का था। फिल्म में अमिताभ और प्राण के बीच एक सीन शूट होना था।

अमिताभ उस सीन को लेकर इतने डरे हुए थे कि डायलॉग बोलने की उनकी हिम्‍मत ही नहीं पड़ रही थी। हालांकि बाद में अमिताभ ने हिम्‍मत जुटाकर किसी तरह वह सीन पूरा किया।

बता दें, दोनों के बीच का वह सीन यादगार बन गया। यह सीन वह था जब इंस्पेक्टर विजय बने अमिताभ से थाने में शेरखान का किरदार निभा रहे प्राण मिलने जाते हैं।

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दोनों के बीच के डायलॉग लोगों को मुंह जबानी रट गए थे। इंस्पेक्टर विजय से शेरखान कहता है, ‘इलाके में नए आए हो साहेब, वरना यहां शेरखान को कौन नहीं जानता’ और इसके बाद इंस्पेक्टर विजय सामने रखी कुर्सी पर लात मारते हुए कहता है, ‘जब तक बैठने को न कहा जाए खड़े रहो, ये पुलिस स्टेशन है। तुम्हारे बाप का घर नहीं।’

बेइंतेहा नाम और शेहरत हांसिल करने के बावजूद उन्‍हें लंबे अर्से बाद साल 3013 में दादा साहेब फालके अवार्ड से सम्‍मानि‍त किया गया था। इससे कुछ साल पहले प्राण ने कहा था, ‘अगर लंदन में रहता होता, सर प्राण कहला रहा होता।’

वीडियो सोर्स- ramshyam 11

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