
नई दिल्ली। बैरन ज्वालामुखी भारत का एकमात्र जिंदा ज्वालामुखी है। हाल ही में आई गोवा स्थित नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओसनग्राफी (एनआईओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, बैरन ज्वलामुखी एक बार फिर से सक्रिय हो चुका है और इससे राख निकल रही है। अंडमान-निकोबार द्वीप स्थित इस ज्वालामुखी में आखिरी बार 1991 में गतिविधि देखी गई थी। अब वैज्ञानिकों ने उसे 150 साल बाद फिर से लावा उगलते पाया है।
एनआईओ ने संयुक्त बयान में कहा, अंडमान-निकोबार पर जिंदा ज्वालामुखी फिर से भड़क गया है। पोर्ट ब्लेयर से 140 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व स्थित ज्वालामुखी 150 साल से शांत पड़ा है, जो पहले 1991 में सक्रिय हुआ था और उसके बाद से इसमें रुक-रुक कर गतिविधि दिखी है।
एनआईओ के वैज्ञानिकों की टीम ने बताया कि, ज्वालामुखी फिर सक्रिय हुआ है और इससे धुआं तथा लावा निकल रहा है।
एनआईओ ने कहा, 23 जनवरी 2017 की दोपहर एनआईओ के जहाज पर बैठे शोधकर्ताओं ने बैरन ज्वालामुखी के नजदीक समुद्र तल से उस वक्त नमूने लिए जब इससे अचानक राख निकलना शुरू हुआ।
शोधकर्ताओं ने बताया, टीम ज्वालामुखी के करीब एक मील दूर थी और इसे बहुत बारीकी से देख रही थी। यह 5-10 मिनट तक रह-रह कर भड़कता रहा। सूर्यास्त होने के बाद टीम ने देखा कि इससे लाल लावा भी निकलना शुरू हुआ।
एनआईओ का कहना है कि शोधकर्ता 26 जनवरी की सुबह फिर ज्वालामुखी की गतिविधियों को देखने गए। शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि उसमें विस्फोट हो रहा था और उससे धुआं निकल रहा था।
शोधकर्ताओं का ये भी कहना है कि, धुएं के कारण ज्वालामुखी के ऊपर बादल घिरे दिख रहे थे, वहीं उससे दूर के हिस्से का आसमान पूरी तरह साफ था। आने वाले समय में ये चिंता का विषय बन सकता है।