बेल्जियम में भी छाया भारतीय पहनावे का जादू , ऑर्गेनिक टी-शर्ट बनी पहली पसंद…

बात चाहे भारतीय संस्कृति की हो या फिर पहनावे की, विदेशियों में इसके प्रति लगाव साफ देखा जा सकता है. हाल ही में बेल्जियम से आई एक खबर ने भारत का नाम एक बार फिर शान से ऊंचा कर दिया हैं। वहीं आंध्र प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन से बनाई जाने वाली टी-शर्ट को बेल्जियम के म्यूजिक लवर्स काफी पसंद कर रहे हैं।

 

जहां तिरुपुर और कोयंबटूर जिले की कपड़े की फैक्टरी में बनाई जाने वाली लगभग 30 हजार कॉटन टी-शर्ट्स को सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक फेस्टिवल में भाग लेने वाले 8 हजार प्रतियोगियों द्वारा इस्तेमाल में लाया जाएगा।यह फेस्टिवल (www.tomorrowland.com) 19 जुलाई से लेकर 29 जुलाई को टुमॉरोलैंड इन बेल्जियम द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

 

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देखा जाये तो टुमॉरोलैंड टीम ने अपनी 15वीं वर्षगांठ पर टीम के क्रू सद्स्यों को इन टी-शर्ट्स के जरिेए एक महत्वपूर्ण संदेश भेजा. दरअसल इस अनूठी पहल को ग्रामीण विकास केंद्र नाम के एक एनजीओ ने बेल्जियम की अर्बन फाइबर के साथ मिलकर अंजाम दिया।

लेकिन विजीयनगरम जिले के पचिपेंटा, कुरुपम और गुम्मलक्ष्मीपुरम और श्रीकाकुलम जिले के भामिनी आदिवासी लोगों के जरिए यहां के 26 गांवों में इस टी-शर्ट को बनाने के लिए कपास उगाया गया था। लेकिन लगभग 250 एकड़ खेत में में खेती करके 230 किसानों ने 18 टन कपास इकट्ठा किया। वहीं यहां कॉटन की पैदावर इस आंकड़े से काफी ज्यादा होती है, लेकिन पिछले साल अक्टूबर में तितली में आए चक्रवात की वजह से भारी तबाही हुई थी।

दरअसल एनजीओ के वाईस प्रेजिडेंट सरत गिद्दा की मानें तो दुनिया का सबसे बड़ा म्यूजिक फेस्टिवल विजीयनगरम और श्रीकाकुलम के किसानों को 30 प्रतिशत से ज्यादा मुनाफा देने का भरोसा जता रहा है, यह वाकई भारत के लिए गर्व की बात है।

जहां उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट को देने से पहले ही किसानों को बता दिया गया था कि उन्हें टी-शर्ट्स बनाने के लिए किसी भी तरह का कोई केमिकल, कीटनाशक या फिर डाई का इस्तेमाल नहीं करना है. जो भविष्य में किसी व्यक्ति या पर्यावरण के लिए हानिकारक हो।

 

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