
दिल्ली। कालाधन रखने और गलत तरीके से संपत्ति बनाने वालों के बुरे दिन आने वाले हैं। संसद ने मंगलवार को बेनामी लेन देन विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी। राज्यसभा में सभी सांसदों ने समर्थन करते हुए विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है। इस विधेयक के पारित हो जाने से कालेधन के सृजन और इस्तेमाल पर रोक लग सकेगी।
बेनामी लेन देन विधेयक हुआ पारित
विधेयक पारित होने से पूर्व संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदो के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार काले धन पर सख्त है और इस दिशा में लगातार प्रयास चल रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में 22 से 23 करोड़ पेन कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जबकि कुल 25 करोड़ परिवार हैं।
बेनामी लेन देन और परिसंपत्ति रोकने के लिए सरकार जमीनों का डिजीटलीकरण कर रही हैं और राज्य सरकारों के स्तर पर इस दिशा में काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि नए कानून में लोगों को प्रताडि़त नहीं किया जाएगा और इसके लिए पूरी प्रक्रिया के लिए चरण तय किए गए हैं। अंतिम निर्णय न्यायापालिका पर छोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि केवल एक कानून और एक बार कानून बनाने से कालेधन को नहीं रोका जा सकता। जेटली ने सदन से काले धन पर रुख सख्त अपनाने की अपील करते हुए कहा कि इस संबंध में दृढ़ता से निर्णय करने और उसे लागू करने की जरुरत हैं।
जेटली ने कहा कि दुनिया में जब किसी भी संस्था ने भारतीयों के कालेधन के संबंध में जानकारी दी है तो सरकार ने कार्रवाई की है और दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। काले धन संबंधी कानून के तहत 600 लोगों ने अपनी संपत्ति का खुलासा किया है और सरकार ने उनसे 60 प्रतिशत कर की वसूली की है।